दिल्ली और मंबई के बीच स्थित हरियाणा प्रदेश के बावो औद्योगिक जिले में मोटर उत्पादन के कारखाने में सी आर आर सी योंगची इलेक्ट्रिक कंपनी और भारतीय पायनियर ट्रेडिंग कंपनी की संयुक्त पूंजी वाले सी आर आर सी पायनियर (भारत) इलेक्ट्रिक कंपनी लिमिटेड का उत्पादन हाल में औपचारिक तौर पर शुरु हुआ।
सी आर आर सी पायनियर (भारत) इलेक्ट्रिक कंपनी लिमिटेड की कुल पूंजी 6 करोड़ 34 लाख अमेरिकी डॉलर है, जिनमें 51 प्रतिशत का शेयर चीनी कंपनी के पास है, बाकि 49 फीसदी शेयर भारतीय कंपनी के पास है। हरियाणा के अधिकारी के मुताबिक यह भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा प्रस्तुत मेक इन इंडिया की योजना के बाद भारत में निर्मित किया गया पहला रेल परिवहन उपकरण उद्योगधंधा है, जो हरियाणा प्रदेश, यहां तक की पूरे भारत के लिए महत्वपूर्ण है।
चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की केंद्रीय समिति के पार्टी स्कूल में अंतरराष्ट्रीय रणनीति अनुसंधान केंद्र के डॉक्टर सुन श्यानपू ने कहा कि चीन और भारत दोनों नवोदित देश ही नहीं, ब्रिक्स देशों के सदस्य भी हैं। वर्ष 2014 में नरेंद्र मोदी ने प्रधानमंत्री बनने के बाद "मेक इन इंडिया"वाली योजना पेश की।"मेक इन इंडिया"का नमूना देश भर में विकास किए जाने लगा। इस बार चीनी उपक्रण उद्योगधंधे के भारत में प्रवेश करने और"मेक इन इंडिया"नमूने से जोड़ा गया है, जो चीन और भारत के बीच सहयोग के लिए बहुत महत्वपूर्ण है।
भारतीय रेलवे दुनिया में सबसे बड़ी रेलवे व्यवस्थाओं में से एक है। भारतीय रेलवे की कुल लम्बाई 64 हजार किलोमीटर है। वर्ष 2007 सी आर आर सी ने भारतीय बाजार में प्रवेश किया। अब तक भारत को सबवे, स्थानांतरण मोटर वाहन, रेल मोटर आदि रेलवे वाहन और घटक प्रदान किये गये। अब सी आर आर सी को भारत में 300 मेट्रो ट्रेन का आर्डर-फ़ार्म मिला है।
चीनी सामाजिक अकादमी के एशिया प्रशांत और वैश्विक रणनीति अनुसंधान केंद्र की अनुसंधानकर्ता ल्यू श्याओश्वे ने कहा कि भारत में पर्याप्त श्रमिक हैं, जहां लागत की श्रेष्ठता बरकरार रखी जा सकती है। चीन और भारत के बीच उत्पादन क्षमता को जोड़ने से भारत में रोज़गार सवाल के समाधान के लिए ही नहीं, भारत में औद्योगिक स्पर्द्धा शक्ति की उन्नति, अंतरराष्ट्रीय बाज़ार चीन की स्पर्द्धा शक्ति भी मज़बूत होगी।
(श्याओ थांग)