रियो ओलंपिक में भारतीय बैडमिंटन खिलाड़ी किदांबी श्रीकांत ने शानदार खेल दिखाते हुए खुद को एक उभरते हुए सितारे के तौर पर साबित किया है। क्वार्टर फाइनल में उन्होंने दो बार के ओलंपिक चैंपियन लिन डैन के खिलाफ बेहतरीन प्रदर्शन करते हुए कड़ी टक्कर दी। पहला सेट 6-21 से हारने के बावजूद जबरदस्त खेल दिखाते हुए दूसरा सेट 21-11 जीता। जबकि फ़ाइनल सेट वह 18-21 से हार गए। श्रीकांत चीनी खिलाड़ी लिन डैन को हरा तो नहीं सके, लेकिन उनके जुझारूपन की तारीफ हो रही है।
मैच के बाद 23 वर्षीय श्रीकांत ने कहा, "मैंने जैसा प्रदर्शन किया उससे मैं कभी दुखी नहीं होता। मैंने मैच में अच्छा प्रदर्शन किया। सिर्फ जीत नहीं सका या मैच का रिजल्ट अपने पक्ष में नहीं कर पाया। इसके बावजूद मैच के दौरान मैं कई बार अपने विपक्षी पर हावी रहा"।
लिन डैन के खिलाफ अपनी रणनीति पर श्रीकांत ने कहा, "उनकी तरह के महान खिलाड़ी के खिलाफ़ वास्तव में आप कोई तय रणनीति के साथ खेल ही नहीं सकते। और आप किसी एक रणनीति का दोबारा इस्तेमाल भी नहीं कर सकते।"
विश्व में 11वीं रैंकिंग प्राप्त श्रीकांत ने साल 2014 में चीन के ताकतवर खिलाड़ी लिन डैन को चायना ओपन सुपरसीरीज के फ़ाइनल में 21-19 और 21-17 से हराकर अपना दम दिखाया था। इतना ही नहीं वह वर्ल्ड सुपरसीरीज के सेमीफाइनल और सैयद मोदी ग्रैंड प्रिक्स के फाइनल में भी पहुंचे थे।
इससे पहले श्रीकांत ने 2013 में थाईलैंड ओपन में पहला ग्रैंड प्रिक्स गोल्ड जीतने में कामयाबी पायी थी। जबकि 2015 के अंत में वह इंडोनेशिया मास्टर्स के फाइनल में पहुंचे। जनवरी 2016 में सैयद मोदी चैंपियनशिप अपने नाम की। इसके साथ ही श्रीकांत को अर्जुन अवार्ड से भी नवाजा जा चुका है।
अगर उनके जीवन के बारे में बात करें तो 7 फ़रवरी, 1993 को आंध्र प्रदेश के गुंटूर में जन्मे श्रीकांत के पिता के.वी. कृष्णा किसान हैं और मां राधा गृहणी हैं। जबकि श्रीकांत का बड़ा भाई भी बैडमिंटन खिलाड़ी है।
उनके कोच पुलेला गोपीचंद हैं, जो कि 2001 में ऑल इंग्लैंड ओपन के विजेता भी रह चुके हैं।
अनिल आज़ाद पांडेय