मा चानवू ने अपने भाषण में कोलकाता में चीनी भाषा स्कूल द्वारा अपनी स्थापना के बाद पिछले 8 वर्षों में चीनी भाषा शिक्षा के लिए किए गए प्रयासों की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि चीन-भारत संबंधों के तेज विकास के चलते दोनों देशों के मानविकी, आर्थिक और व्यापारिक आदि विभिन्न क्षेत्रों में आदान-प्रदान अधिक घनिष्ठ हो रहा है। जिससे चीनी भाषा की पढ़ाई ज्यादा महत्वपूर्ण होगी।
सुब्रत मुखर्जी ने कहा कि स्कूल में चीनी भाषा की पढ़ाई पश्चिम बंगाल के लिए मूल्यवान संसाधन है। जो चीन-भारत मैत्री के लिए भी पुल के रूप में रही है। पश्चिम बंगाल सरकार प्रेदश के विकास के लिए सभी मददगार प्रस्तावों का समर्थन करेगी।
वहीं मदन सर्राफ ने कहा कि चीनी भाषा स्कूल कन्फ्यूशियस कक्षा खोलने के जरिए चीनी भाषा के पढ़ाई स्तर को बढ़ावा देगा और चीनी व भारतीय युवाओं के बीच आदान-प्रदान और दोनों देशों की मैत्री के लिए कोशिश करेगा।
प्रतियोगिता में प्रतियोगियों ने चीनी भाषा में भाषण, नाटक, नृत्य आदि का प्रदर्शन किया। (नीलम)