"रवीन्द्रनाथ टैगोर के विचार चीन-भारत संबंधों का मार्गदर्शन कर सकते हैं": चीनी कौंसल जनरल मा चेनवू "Rabindranath Tagore's ideas can guide China-India relations" :
Mr. Ma Zhanwu,Chinese Consul General
एशिया में प्रथम नोबेल पुरस्कार विजेता और भारत के साहित्यिक दिग्गज रवीन्द्रनाथ टैगोर की 155वीं जयंती के अवसर पर 7 मई को कोलकाता स्थित आई टी सी होटल में चीन के कांसुलेट जनरल और विश्वभारती विश्वविद्यालय,शांतिनिकेतन के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित " टैगोर और चीन" शीर्षक संगोष्ठी में रवीन्द्रनाथ टैगोर को याद किया। यह पहली बार था कि जब चीनी कौंसल जनरल (Mr.Ma Zhanwu) द्वारा विभिन्न आयामों के थिम पर आधारित टैगोर का 155 वां जन्म दिवस का जश्न इतने बड़े पैमाने पर मनाया गया है। विश्व स्तर पर ख्याति प्राप्त साहित्यकार रवीन्द्रनाथ टैगोर 1924 में चीन की यात्रा पर गए थे । इस संगोष्ठी में भारत तथा चीन से आए लगभग 25 विद्वानों के अलावा भारत के विभिन्न जगतों के करीब 100 व्यक्तियों ने भाग लिया।
इस संगोष्ठी में चीनी कौंसल जनरल मा चेनवू (Mr.Ma Zhanwu) ने कहा कि भारत के महान कवि रवीन्द्रनाथ टैगोर चीन में काफी लोकप्रिय हैं। टैगोर चीन-भारत मैत्री और द्विपक्षीय सांस्कृतिक आदान-प्रदान में महान योगदान दिया था । शायद रवीन्द्रनाथ टैगोर के साहित्य चर्चा कोलकाता से पेइचिंग में ज्यादा होता है। (Perhaps discussing of literature of Rabindranath Tagore is more in Beijing than in Kolkata.)
उन्होंने ने कहा कि रवीन्द्रनाथ टैगोर के जन्म की 155 जयंती के उपलक्ष्य में चीन-भारत संबंध के तेज़ विकास के नए युग की पृष्ठभूमि में मौजूदा संगोष्ठी आयोजित हुई। इसका उद्देश्य है कि टैगोर की चीन-भारत मैत्री से संबंधित अवधारणा का प्रसार प्रचार, चीन-भारत मैत्री को गहराने और दोनों देशों के बीच मानविकी और दूसरे क्षेत्रों में सहयोग और आदान प्रदान मज़बूत करना है। रवीन्द्रनाथ टैगोर के प्रति चीन का प्रेम बरकरार है। मा चेनवू (Mr.Ma Zhanwu) ने बताया कि चीन-भारत संबंधों पर टैगोर के विचार आधुनिक समय में भारत और चीन - दोनों देशों के द्विपक्षीय आदान-प्रदान और सहयोग को विकसित करने के लिए एक उपयोगी गाइड के रूप में सेवा कर सकते है।("Tagore's idea on China-India relationship could serve as a useful guide as we work to deepen mutual trust, enhance friendship and develop bilateral exchanges and cooperation," Zhanwu said.)
इस संगोष्ठी में रवीन्द्रनाथ टैगोर के भतीजे के पौत्र अमितेन्द्रनाथ ठाकुर (Dr. Amitendranath Tagore) ने चीन के साथ टैगोर के संबंध की विशिष्टता के बारे में बताया, और चीन के राष्ट्रीय गीत से कुछ लाइनों भी गाया । मा चेनवू ने प्रोफेसर तोंग यू चेन के साथ (Mr. Dong Youchen) विश्वभारती विश्वविद्यालय के प्रो वाइस चांसलर स्वपन कुमार दत्त (Swapan K. Datta) को रवीन्द्रनाथ टैगोर की समूची रचनावली उपहार के रूप में दिया । कार्यक्रम में जानी मानी गायिका उषा उत्थुप दो चीनी विद्वानों के साथ बंगला में एक रवीन्द्र संगीत गाया था। कार्यक्रम में उपस्थित भारतीय अतिथियों ने "टैगोर और चीन" शीर्षक संगोष्ठी आयोजित करने के लिए चीनी कौंसल जनरल मा चेनवू के आतंरिक प्रयास की उच्च प्रशंसा की ।
मा चेनवू बताते हैं, "मेरी जानकारी में भारतीय भाषाओं और अंग्रेजी के बाद टैगोर की सबसे ज्यादा किताबें चीनी में ही छपी हैं। टैगोर के एशिया में बड़े पैमाने पर अनुयाई है,लेकिन चीन के अलावा दुनिया में ऐसी कोई जगह नहीं है जहां उनकी कृतियां सबसे ज्यादा लोकप्रिय और जीवंत है । टैगोर की रचनाएं चीन के स्कूलों के पाठ्यक्रम में दशकों से शामिल है "।(The consul general said Tagore has a huge following in Asia, but nowhere is he more alive than in China, where his works have been part of the middle-school curriculum for decades.)
भारतीय मीडिया की दस से अधिक प्रतिनिधियों इस घटना को कवर करने के लिए मौजूद थे।
News Source: Consulate General office of the People's Republic of China in Kolkata,West Bengal,India titled "China Consulate Kolkata Holds Successful Tagore Seminar"
2)An English news report published in the Economics Times on 8th May,2016
(Photo credit: Kolkata Chinese Consulate Website)