रविशंकर बसु ने सीआरआई की हिंदी सर्विस के डिरेक्टर श्याओयांग और चंद्रिमा को जन्मदिन के पत्र व उपहार भेजे। पत्र में रविशंकर बसु ने उन दोनों को जन्मदिन की बहुत शुभकामनाएं व बधाई भेजी। उन्होंने लिखा, हमारी जिंदगी में ऐसे कुछ लोग आते हैं जिनको हम हर सांस में अनुभव करते हैं, प्यार करते हैं, सम्मान करते हैं। आजसे लगभग 31 वर्ष पहले जिस दिन से मैं सीआरआई हिंदी विभाग सुनना शुरु किया, उसी दिन से मैं सीआरआई और चीन का दीवाना हो गया। मेरी मातृभाषा बँगला होकर भी मैं सच्ची प्यार और मेहनत से सीआरआई के हिंदी सेवा से जुड़ा हुआ हूं और आप सभी सीआरआई प्रेजेंटरों ने मुझे आप लोगों की ओर खींच ली है। आपने बड़ी प्यार से हमारी दिल में बसी हुई है जिसका आप को कोई अंदाजा नहीं है। मुझे आपसे और सीआरआई परिवार से जो प्यार और सहयोग मिलता आ रहा है उसका में जितना भी तारीख करुं कम ही होगा।
सीआरआई हिंदी कार्यक्रम को लोकप्रिय बनाने में हिंदी सेवा के डायरेक्टर के रूप में निश्चित रूप से आपने बड़ा योगदान दे रही हैं। मैं बहुत ही गर्व महसूस करता हूं कि एकबार मैंने आपसे मिला था और फिर मिलने के लिए उत्सुक हूं। मैं ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि आप सदा यूंही स्वस्थ, सुखी एवं दीर्घायु रहें तथा हम श्रोताओं को आपकी सुमधुर आवाज से हमारे दिल जीतते रहें।
पत्र के साथ बसु ने अपनी मातृभाषा बँगला में एक कविता भी लिखकर हिंदी अनुवाद भेजा। कविता का टाइटल है, दुनिया के सभी रंग आज आपके लिए।
दुनिया के सभी रंग आज आपके लिए
एक नये वादे का जन्म होना चाहिए
नई दिशा में चलने के लिए।
सफलता की हरेक रंग जीवन को ऊर्जा से भर दे।
आज का शुभदिन
ले आए नई दुनिया का समाचार।
मेरे दिल में सूरज की किरणें कहते हैं
आज आपका जन्मदिन---
शुभ जन्मदिन!!!
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