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    श्रीलंका के प्रधानमंत्री की चीन यात्रा का महत्व आर्थिक और राजनयीक क्षेत्रों में है
    2016-04-06 09:38:14 cri
    श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने 6 अप्रैल को पेइचिंग पहुंचकर चीन की तीन दिवसीय यात्रा शुरू की। नई सरकार की स्थापना के बाद श्रीलंका को आर्थिक क्षेत्र में बड़ी प्रगति मिलने की बड़ी संभावना है। लेकिन देश में आर्थिक स्थिति में कठिनाईयां मौजूद होने की वजह से वह विश्व के प्रमुख आर्थिक समुदाय के साथ सहयोग करना चाहता है। इसलिए इस बार श्रीलंका के प्रधानमंत्री की चीन यात्रा का महत्व आर्थिक मुद्दे पर है।

    श्रीलंका सरकार की योजना है कि इस वर्ष अनेक देशों के साथ मुक्त व्यापार समझौता संपन्न किया जाए, ताकि उन्हें अपने उत्पादों के लिए और बड़ा बाजार मिले और देश में नई नौकरियों का सृजन हो। वर्तमान में चीन द्वारा प्रस्तुत "एक पट्टी एक मार्ग" प्रस्ताव श्रीलंका की मुक्त व्यापार क्षेत्र की योजना से जोड़ा जा सकता है। विदेश में चीन की पूंजी का निर्यात और विनिर्माण उद्योग का हस्तांतरण चीन और श्रीलंका के बीच उत्पादन क्षमता के सहयोग के लिए बड़ी संभावना है।

    चीन और श्रीलंका के बीच मुक्त व्यापार क्षेत्र की वार्ता समाप्त होगी। श्रीलंका के प्रधानमंत्री की इस बार की चीन यात्रा के दौरान इसी क्षेत्र में बड़ी प्रगति मिलने की संभवना है। मुक्त व्यापार क्षेत्र के स्थापित होने के बाद चीन में श्रीलंका के परंपरागत निर्यात उत्पादों के बाजार का विस्तार होगा, जिससे चीन के साथ व्यापारिक प्रतिकूल संतुलन कम होगा, चीन से और अधिक निवेश प्राप्त होगा। श्रीलंका और भारत के बीच मुक्त व्यापार समझौते पर हस्ताक्षरित हुआ था, इसके साथ ही वह दूसरे सार्क देशों के साथ भी मुक्त व्यापार समझौते पर भी हस्ताक्षर करेगा। भविष्य में चीन श्रीलंका के बीच हस्ताक्षरित मुक्त व्यापार संधि के आधार पर और सुविधाजनक रूप से सार्क के सदस्य देशों के बाजार में प्रवेश कर सकता है, जिससे चीन और सार्क के बीच संपर्क और घनिष्ठ हो सकें।

    (वनिता)

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