पिछले वर्ष यानी वर्ष 2015 के जुलाई से इस वर्ष के फरवरी तक, इन आठ महीनों में पाकिस्तान का करेंट अकाउंट डेफिसिट 1 अरब 85 करोड़ 90 लाख अमेरिकी डॉलर पर था, जिसमें पिछले साल के इस समय की तुलना में 4.51 प्रतिशत की गिरावट आई।
विश्लेषण के अनुसार हालांकि अंतर्राष्ट्रीय तेल और बल्क स्टॉक की कीमतों में गिरावट आई है, फिर भी पाकिस्तान में कमज़ोर अंतर्राष्ट्रीय बैलेंस ऑफ पेमेंट में इतना ज्यादा सुधार नहीं हो पाया। पिछले कुछ वर्षों में पाकिस्तान में गैर-तेल उत्पादों के आयात में तेज़ी से वृद्धि हुई है। उधर निर्यात में गिरावट की स्थिति जारी है। लेकिन बहुत से लोगों का मानना है कि इस वित्तीय वर्ष में पाकिस्तान का अंतर्राष्ट्रीय भुगतान आशावान है। क्योंकि चीन और अंतर्राष्ट्रीय वित्तिय संगठनों के ऋण पाकिस्तान को दिए जाने वाले हैं। जिससे पाकिस्तान में करेंट अकाउंट डेफिसिट से निपटने में भूमिका निभाई जाएगी। इससे पाकिस्तान के विदेशी विनिमय भंडार और विदेशी मुद्रा भंडार उचित स्तर पर रहेगा।
(रमेश)