चीनी प्रधानमंत्री ली खछ्यांग ने 16 मार्च को पेइचिंग में कहा कि हमारे सांस्कृतिक अवशेषों के संरक्षण का उद्देश्य सांस्कृतिक कार्य के विकास को आगे बढ़ाना है। ताकि नैतिक शक्ति मज़बूत कर चीनी पारंपरिक श्रेष्ठ संस्कृति को विरासत में लेते हुए उसका आगे विकास किया जा सके। आर्थिक सामाजिक समन्वय के विकास को आगे बढ़ाया जा सके।
12वीं चीनी राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा यानी एनपीसी के चौथे सम्मेलन की समाप्ति पर आयोजित देसी-विदेशी संवाददाता सम्मेलन में ली खछ्यांग ने सांस्कृतिक अवशेषों के संरक्षण से संबंधित सवालों का जवाब देते हुए कहा कि वर्तमान में आर्थिक क्षेत्र में कई सवाल पैदा हुए हैं, जिनकी आलोचना की जाती है। उदाहरण के तौर पर झूठ बोलना, नकली उत्पाद और वचन का पालन नहीं करना इत्यादि। इनका कारण सांस्कृतिक क्षेत्र से मिल सकता है और इसी क्षेत्र से ही इन सवालों का निपटारा किया जा सकता है।
ली खछ्यांग ने कहा कि बाजार अर्थतंत्र कानूनी प्रशासन का अर्थतंत्र ही नहीं, नैतिकता का अर्थतंत्र भी होनी चाहिए। संस्कृति के विकास से नैतिक शक्ति मज़बूत होगी। आधुनिकीकरण को आगे बढ़ाने के लिए हमें पर्याप्त भौतिक संपत्ति की रचना के साथ साथ संस्कृति के माध्यम से जनता को प्रचुर आध्यात्मिक उत्पादन प्रदान करना चाहिए। ताकि सभ्यता और नैतिकता की शक्ति से विश्व को समादर हासिल हो सके।
(श्याओ थांग)