भारतीय अख़बार द इकॉनमिक टाइम्स द्वारा 14 मार्च को जारी रिपोर्ट के अनुसार भारतीय रेलमंत्री सुरेश प्रभु ने 14 मार्च को कहा कि भारत में रेल मार्ग का निर्माण चीन और कुछ विकसित देशों के पीछे है। उन्होंने कहा कि भारत रेल मार्ग के निर्माण के लिये पूंजी इकट्ठा करने का नया रास्ता ढूंढ़ रहा है।
प्रभु ने राज्य सभा द्वारा पूछे गए रेल मार्ग के निर्माण बजट से जुड़े सवालों का जवाब देते समय कहा कि चीन में रेल मार्ग के निर्माण के लिये बड़ी पूंजी लगायी गयी है। वर्ष 2009 में चीन ने सकल घरेलू उत्पाद के 2 प्रतिशत से अधिक पूंजी इसमें लगायी है। वहीं भारत ने केवल 0.4 प्रतिशत की पूंजी ही लगायी है। इसलिये भारत में रेल मार्ग का निर्माण चीन से पीछे है। चीन विश्व का दूसरा बड़ा आर्थिक समुदाय है, जिसका सकल घरेलू उत्पाद 100 खरब अमेरिकी डॉलर से अधिक है, उधर भारत में केवल 20 खरब अमेरिकी डॉलर है।
प्रभु ने यह भी कहा है कि भारत रेल मार्ग निर्माण के लिये ज्यादा पूंजी-निवेश ढूंढ़ रहा है।
इससे पहले भारतीय रेल मंत्रालय ने विदेशी पूंजी-निवेश आकर्षित करने से भारत की पुरानी रेल व्यवस्था में सुधार करने की योजना बनायी है।
(चंद्रिमा)