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    चीनी अर्थव्यवस्था के सामने चुनौतियां और अवसर दोनों मौजूद
    2016-03-15 19:38:30 cri

    चीनी प्रधानमंत्री ली खछ्यांग ने 5 मार्च को अपनी कार्य रिपोर्ट में कहा कि बीते एक वर्ष में प्राप्त प्रगति जटिल और मुश्किल अंतर्राष्ट्रीय स्थितियों पर विजय पाई गई है। विश्व व्यापी आर्थिक मंदी होने और अंतर्राष्ट्रीय बाजार के कमजोर होने की स्थिति में भी चीनी अर्थव्यवस्था की वृद्धि दर 6.9 प्रतिशत रही।

    अब चीनी आर्थिक वृद्धि विश्व में पहले स्थान पर है। विश्व के तीन प्रमुख अर्थतंत्र में अमेरिका का जीडीपी 175 खरब अमेरिकी डॉलर है, जबकि चीन और यूरोपीय संघ का जीडीपी अलग अलग तौर पर लगभग 150 और 100 खरब अमेरिकी डॉलर है। चीन की जीडीपी की वार्षिक वृद्धि दर 6.9 प्रतिशत रही है, यानी एक साल की वृद्धि राशि सात खरब अमेरिकी डॉलर रही है। उधर अमेरिका की वृद्धि दर सिर्फ 2.3 प्रतिशत रही यानी 3.5 खरब डॉलर। जबकि यूरोपीय संघ की वृद्धि दर केवल 1 प्रतिशत रही यानी 1.5 खरब अमेरिकी डॉलर। इस दृष्टि से विश्व की सकल आर्थिक वृद्धि में चीन का योगदान अमेरिका और यूरोप से बहुत हद तक ज्यादा रहता है।

    साथ ही चीन की आर्थिक वृद्धि की गति धीमी रहने के साथ साथ आर्थिक विकास की गुणवत्ता में सुधार हुआ है। 6.9 प्रतिशत की वृद्धि दर पहले की 12 प्रतिशत से भी अधिक रही है। इस मायने में चीनी अर्थव्यवस्था का एक अंक बढ़ जाना स्वाभाविक है। बेशक किसी भी अर्थव्यवस्था की अपनी कमजोरी है। चीनी अर्थतंत्र के सामने विकास और रूपांतर दोनों समस्याएं मौजूद हैं। यानी परंपरागत उद्योग धंधों जैसे कोयला, लोहा-इस्पात, सीमेंट का आगे विकास होने की संभावना नहीं है। नवीन उभरते उद्योग जैसे सूचना, इंटरनेट, नयी ऊर्जा, वातावरण संरक्षण और जीव तकनीक आदि के विकास में पुराने उद्योगों से निकलने वाले रोजगार को दबाव उठाना पड़ेगा।

    यह चर्चित है कि चीन में सरकारी प्रबंधन, राष्ट्रीय स्वामित्व वाले उद्योग धंधों और वित्तीय व्यवस्थाओं का रूपांतर करना अनिवार्य है। सरकार की कार्य रिपोर्ट में आपूर्ति प्रणाली के रूपांतरण पर जोर दिया गया है। रिपोर्ट ने विशेष तौर पर इस बात पर भी जोर दिया कि प्रबंधन व्यवस्था में सुधार करने से रूपांतर को गहन रूप से चलाया जाएगा। इसका मतलब है कि सरकार आपूर्ति प्रणाली के रूपांतर में अपने कर्तव्यों का ही रूपांतर करेगी। इस दौरान हम देख पाएंगे कि बिक्री कर को मूल्य वर्धित कर के रूप में बदला जाएगा।

    चुंगी और वित्तीय व्यवस्था का रूपांतर करने से दूसरे विभागों के रूपांतर को आधार तैयार किया जाएगा। मुद्रा व्यवस्था का रूपांतर भी दूसरे विभागों के रूपांतर के लिए वित्तीय समर्थन देगा। इससे जुड़ने वाले भिन्न भिन्न रूपांतर कदम भी बहुत जल्द ही उठाये जाएंगे।

    चीन विश्व में सबसे बड़ा निर्माता देश है । इसका मतलब है कि चीन में नवीनीकरण करने की भी सबसे बड़ी संभावना मौजूद है। क्योंकि उद्योग धंधा नवीनीकरण का आधार है। उद्योग धंधों के बिना नवीनीकरण करने की संभावना भी नहीं होगी। इसके अतिरिक्त चीनी व्यवस्थाओं में अधिक रूपांतर करने की निहीत शक्ति भी मौजूद है। चीन में बाज़ार अर्थतंत्र चलने का केवल तीस साल पुराना इतिहास है। इस बीच व्यवस्था में आगे सुधार करने से आर्थिक लाभ की बड़ी संभावना है।

    संक्षिप में कहें तो चीनी अर्थव्यवस्था का भविष्य सकारात्मक है। चीनी अर्थव्यवस्था की खूबियों की उपेक्षा के आधार पर निकाला गया निष्कर्ष सही नहीं है बल्कि ये गैर-निष्पक्षता भरा रहेगा।

    ( हूमिन )

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