चीनी जन राजनीतिक सलाहकार सम्मेलन की शिक्षा, विज्ञान और स्वास्थ्य कमेटी के उप प्रधान ह्वांग चेयफू ने 9 मार्च में पेइचिंग में आयोजित पूर्णांधिवेशन में संवाददाताओं से कहा कि चीनी स्वास्थ्य व्यवस्थाओं में आपूर्ति प्रणाली में सुधार करना पड़ेगा।
ह्वांग ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में चीन के बड़े शहरों के अस्पतालों में रोगियों की भीड़भाड़ अधिक रहती है। एक तरफ सभी रोगी बड़े अस्पतालों का रुख करते हैं, दूसरी तरफ आम अस्पताल खाली पड़े रहते हैं। साथ ही डाक्टरों को भी अपनी सेवा से सामान्य आय नहीं प्राप्त हो सकती है। ऐसी स्थिति में स्वास्थ्य व्यवस्थाओं में सुधार करना अनिवार्य है। वर्ष 1979 में चीन का कुल स्वास्थ्य खर्च 17 खरब युआन रहा था, वर्ष 2015 में यह राशि 42 खरब युआन तक बढ़ी है। लेकिन स्वास्थ्य व्यवस्था में मौजूद मध्यम वर्ग द्वारा अधिकांश खर्च लिया गया है। रोगियों का बोझ पहले से और अधिक बढ़ा है।
ह्वांग ने कहा कि स्वास्थ्य व्यवस्थाओं में बाज़ार की निर्णयात्मक भूमिका निभाई जानी चाहिये। साथ ही स्वास्थ्य व्यवस्थाओं की आपूर्ति प्रणाली में सुधार किया जाना चाहिये। सार्वजनिक और निजी अस्पतालों का अलग अलग स्थान तय करेगा। सरकार को बुनियादी चिकित्सीय सेवा प्रदान करना चाहिये, उच्च स्तरीय चिकित्सा व्यवस्थाओं में निजी और विदेशी पूंजी निवेश होना चाहिये।
( हूमिन )