पेइचिंग में आयोजित चीनी राष्ट्रीय जन प्रतिनिधि सभा के पूर्णांधिवेशन में भाग ले रहे कुछ प्रतिनिधियों और जन राजनीतिक सलाहकार सम्मेलन के प्रतिनिधियों ने 9 मार्च को यह प्रकट किया कि चीनी राष्ट्राध्यक्ष शी चिनफिंग ने हाल ही में दोनों तटों के संबंधों के प्रति महत्वपूर्ण बयान दिया है । आशा है कि थाईवान के नव निर्वाचित नेता इसे ध्यान में रखकर"1992 सहमति"यानी एक चीन के सिद्धांत पर अपना रुख स्पष्ट करेंगे ।
प्रतिनिधियों का मानना है कि पिछले 8 वर्षों में चीनी मुख्य भुमि और थाईवान के बीच शांतिपूर्ण विकास के संदर्भ में जो प्रगति मिली थी, वे सब एक चीन की नीति पर आधारित हैं। अगर थाईवान के नये नेता सत्तारूद्ध होने के बाद एक चीन की नीति बदलते हैं, तो दोनों तटों के बीच संबंधों के विकास और थाईवानी देश बंधुओं के हितों पर बुरा प्रभाव जरूर पड़ेगा। आशा है कि थाईवान के नव निर्वाचित नेता जनता की अभिलाषा और ऐतिहासिक रुझानों के मुताबिक दोनों तटों के संबंधों के शांतिपूर्ण विकास और थाईवान जलडमरू मध्य की शांति और सुस्थिरता के लिए अपना योगदान पेश करेंगे।
प्रतिनिधियों ने यह भी कहा कि थाईवान मामले के बारे में चीन सरकार का सतत रुख है कि एक चीन के सिद्धांत पर डटा रहना है। अंतर्राष्ट्रीय मामलों में चीन को विभाजित करने की कोई भी कार्यवाही असहनीय है। दोनों तटों के बीच राजनीतिक विश्वास के आधार पर संबंधित मामलों का समाधान किया जाना चाहिये।
( हूमिन )