चीनी कम्युनिस्ट पार्टी की केंद्रीय समिति के महासचिव, राष्ट्राध्यक्ष शी चिनफिंग ने 5 मार्च को थाईवान मामले पर महत्वपूर्ण भाषण किया। पेइचिंग में एनपीसी और सीपीपीसीसी के सम्मेलनों में उपस्थित विभिन्न प्रतिनिधियों और सदस्यों ने इसकी खूब चर्चा की। उनके विचार में शी चिनफिंग के भाषण में थाईवान के प्रति देश की नीति और उसुल का सैद्धांतिक बेसलाइन स्पष्ट किया गया, साथ ही थाईवानी देशबंधुओं और मातृभूमि के बंधुओं के बीच मन में दूरी कम करने, दोनों तटों के बीच समान भाग्य वाले समुदाय का निर्माण करने की सदिच्छा व्यक्त की गई।
चीनी जन राजनीतिक सलाहकार सम्मेलन की राष्ट्रीय समिति यानी सीपीपीसीसी के सदस्य, चीकोंग पार्टी की केंद्रीय समिति के स्थाई सदस्य छाई च्यानक्वो के विचार में महासचिव शी चिनफिंग के भाषण ने थाईवान पक्ष को स्पष्ट राजनीतिक संदेश दिखाया, यानि कि दोनों तटों के बीच"1992 में संपन्न सहमतियों"का पालन करना जलडमरूमध्य के दोनों तटों के संबंधों के शांतिपूर्ण विकास को स्थिर रूप से आगे बढ़ाने की कड़ी है।
सीपीपीसीसी के सदस्य, थाईवानी लोकतांत्रिक स्वाशासन संघ के महासचिव चांग निंग जैसे सदस्यों और एनपीसी प्रतिनिधियों ने कहा कि महासचिव शी चिनफिंग ने अपने भाषण में कहा कि हम हर तरह की थाईवानी स्वाधीनता का विरोध करते हैं। ताकि देश की प्रभुसत्ता और प्रादेशिक अखंडता की रक्षा हो सके, देश के विभाजन का ऐतिहासिक त्रासदी कतई पुनः पैदा न हो।
(श्याओ थांग)