12वीं एनपीसी के चौथे सम्मेलन की न्यूज़ ब्रीफ़िंग 4 मार्च को जन वृहत भवन में आयोजित हुई। सम्मेलन के प्रवक्ता फ़ू इंग ने दक्षिण चीन सागर में चीन के सैन्यीकरण की चर्चा में कहा कि अमेरिका की कुछ रिपोर्टों में चीन पर दक्षिण चीन सागर में क्षेत्रीय शांति को धमकी देने और यात्रा की मुक्ति पर प्रभाव डालने का आरोप लगाया गया है। ऐसी अत्युक्ति करने से स्थिति उलझेगी। मेरे ख्याल से यह भाषा का प्रभुत्ववाद है।
फ़ू इंग ने कहा कि अगर हम ध्यान से देखें, तो दक्षिण चीन सागर के क्षेत्र में आने जाने वाले विमानों व पोतों में अमेरिका की संख्या सबसे अधिक है। अमेरिका के एशिया व प्रशांत में वापस लौटने के बाद उस की सैन्य कार्रवाई कितनी बड़ी है। क्या यह सैन्यीकरण नहीं है?
फ़ू इंग ने कहा कि दक्षिण चीन सागर के मामले पर चीनी विदेश मंत्री ने इससे पहले अमेरिका की यात्रा की। इस के दौरान उन्होंने साफ़ साफ़ बताया कि पहला, अमेरिका ने अपनी सैन्य शक्ति को दिखाने के लिये पोतों को नानशा द्वीपों के आसपास भेजा। चीनी लोग इससे नाराज़ हैं। दूसरा, चीन द्वारा नानशा द्वीपों का निर्माण करना बहुत ज़रूरी है। चीनी जनता इसका समर्थन करती है।
चंद्रिमा