13 फ़रवरी को मेक इन इंडिया वीक मुंबई में आयोजित हुआ। विश्व के 2500 कंपनियों तथा भारत के 8000 कंपनियों ने इस में भाग लिया। 16 फ़रवरी तक मेक इन इंडिया वीक के उद्घाटन के बाद केवल तीन दिनों में बहुत उपस्थित उद्यमों ने भारत में पूंजी-निवेश लगाने का वादा किया।
चीनी उद्यम सान-ई ग्रुप के महानिदेशक थांग श्योक्वो ने 13 फ़रवरी को कहा कि आगामी दस वर्षों में सान-ई ग्रुप भारत में भारी उपकरण, पोर्ट मशीनरी व ऊर्जा आदि के क्षेत्रों में एक अरब अमेरिकी डॉलर की पूंजी निवेश लगाएगा। इस से पहले सान-ई ग्रुप ने भारत के पुणे क्षेत्र में 6 करोड़ अमेरिकी डॉलर की पूंजी लगाकर एक उद्योग पार्क की स्थापना की है।
दूसरा चीनी कारोबार एसएआईसी ने भी हाल ही में यह घोषणा की कि वह भारत के गुजरात प्रदेश में स्थित हालोल कारखाने को खरीदेगा। भविष्य में वह भारत में मोटर्स का उत्पादन करने वाला पहला चीनी उद्यम होगा।
साथ ही चीन के वानदा ग्रूप ने भारत के हरियाणा प्रदेश में वानदा औद्योगिक नगर का निर्माण करने की घोषणा की। इस कार्यक्रम की कुल पूंजी दस अरब अमेरिकी डॉलर होगी।
गौरतलब है कि मोदी सरकार ने वर्ष 2014 में मेक इन इंडिया योजना बनायी। आशा है कि इस रणनीति से भारत के अंदरूनी विनिर्माण उद्योग को मजबूत किया जा सकेगा। इस में दस करोड़ से अधिक नौकरी भी तैयार होंगे।
(चंद्रिमा)