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    चीन-भारत सहयोग में"बड़ी फ़सल"हासिल करने की उम्मीद, अशोक कंठ
    2016-01-05 14:35:43 cri

    चीन स्थित भारतीय राजदूत अशोक के. कंठ अपना कार्यकाल समाप्त करने के पूर्व पेइचिंग में चीनी समाचार एजेंसी शिनह्वा के संवाददाता के साथ हुए एक विशेष साक्षात्कार में कहा कि चीन और भारत दोनों प्राचीन सभ्यता वाले बड़े देश हैं और अपने-अपने पुनरुत्थान के रास्ते पर आगे बढ़ रहे हैं। दोनों देशों के बीच अभूतपूर्व घनिष्ठ सहयोग जारी है। विश्वास है कि द्विपक्षीय सहयोग की"बड़ी फ़सल"जल्दी ही नज़र आएगी। इससे दोनों देशों की जनता को लाभ मिलेगा, बल्कि यह एशिया और विश्व की अवश्यकता भी है।

    कंठ जी ने वर्ष 2014 में चीन स्थित भारतीय राजदूत का पद संभाला था। उन्होंने कहा कि वह अपने कार्यकाल में भारत-चीन संबंधों के विकास के प्रति संतुष्ट हैं। दोनों देशों के बीच विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग का रुझान तेज़ है, जिससे न केवल द्विपक्षीय संबंधों में उन्नति हुई है, बल्कि बहुपक्षीय, क्षेत्रीय और अंतरारष्ट्रीय मुद्दों पर सहयोग भी फलयादी है। भारत-चीन संबंध 21वीं सदी में एशिया के साथ साथ पूरे विश्व में निर्णायक भूमिका निभाएंगे।

    राजदूत कंठ के विचार में चीन की"13वीं पंचवर्षीय"योजना और भारत में किए जा रहे सुधार,"मेक इन इंडिया","डिजिटल इंडिया"और"स्मार्ट सिटी"जैसी रणनीति का आपस में साफ तालमेल दिखाई देता है। इससे दोनों देशों के उद्यमों के दूसरे देश में विकास के लिए अभूतपूर्व अवसर मुहैया करवाया गया है।

    उन्होंने कहा कि भारत चीनी उद्यमों के निवेश के लिए सबसे श्रेष्ठ गंतव्य स्थलों में से एक बनने का प्रयास कर रहा है, जबकि भारतीय उद्यमों को आशा है कि सृजन और अनुसंधान जैसे क्षेत्रों में अपनी श्रेष्ठता के माध्यम से चीन में अपने विकास का विस्तार करेगा। चिकित्सा, स्वास्थ्य, निर्माण, आधारभूत संस्थापन और औद्योगिक उद्यान क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग का उज्ज्वल भविष्य मौजूद है। लेकिन इस दौरान कड़ी मेहनत और प्रयास की जरूरत है।

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