पाकिस्तान के अख़बार "द एक्सप्रैस ट्रिब्यून" की 23 दिसंबर की रिपोर्ट के अनुसार, हाल के दिनों में वर्ल्ड बैंक ग्रुप (विश्व बैंक समुह) ने पाकिस्तान को 3 करोड़ 50 लाख अमेरिकी डॉलर ऋण देने का निर्णय किया है। इन पैसों का इस्तेमाल सिंधु नदी के जल संसाधनों के प्रबंधन, योजना और विकास, पर्यावरण और सामाजिक लाभ बढ़ाने के लिए किया जाएगा। इस ऋण की अवधि 25 साल होगी जिसमें से 5 साल रियायत अवधि है।
रिपोर्ट के विश्लेषण के अनुसार, पाकिस्तान दुनिया में जलवायु परिवर्तन का सबसे बड़ा प्रभाव पड़ने वाले देशों में से एक है। कारण यह है वह जल, अनाज और ऊर्जा सुरक्षा के लिए हिमालय पर्वत--खाला खुनलुन पहाड़ों की हिमनदियों पर निर्भर रहता है। इसलिए पाकिस्तान के आर्थिक प्रगति और दीर्घकालिक विकास के लिए सिंधु नदी के जल संसाधनों का प्रबंधन करना बहुत आवश्यक है। इस ऋण का इस्तेमाल सिंधु नदी क्षेत्र के अनुसंधान और पर्यवेक्षण ढांचे का निर्माण करने, पाकिस्तान जल विद्युत विभाग, सिंधु नदी प्रबंधन ब्यूरो, जल विद्युत विकास विभाग आदि विभागों की तकनीकी क्षमता सुधारने, हाइड्रॉलिक्स प्रयोगशाला आदि अपग्रेड करने में किया जाएगा ताकि जल संसाधनों के प्रबंधन में सुधार किया जा सके।
(अखिल पाराशर)