कोलकाता स्थित चीनी जनरल काउंसिलर मा चानवू ने 21 दिसंबर को पटना में बिहार के राज्यपाल रामनाथ गोविंद से मुलाकात की।
मा चानवू ने कहा कि चीन और भारत, खासकर बिहार के बीच मित्रवत आवाजाही का इतिहास बहुत पुराना है। फ़ाह्यान और ह्वेनत्सांग जैसे चीनी महाचार्य बौद्ध सूत्र के अध्ययन के लिये बिहार आए थे। उन्होंने बौद्ध धर्म को भारत से चीन तक पहुंचाया। वर्तमान में चीन और भारत के बीच उच्च स्तरीय आवाजाही और विभिन्न क्षेत्रों में आदान-प्रदान और सहयोग का लगातार विकास हो रहा है। द्विपक्षीय संबंध नए ऐतिहासिक दौर में प्रवेश हो चुके हैं। चीन और भारत की जनसंख्या विश्व की कुल जन संख्या के 35 प्रतिशत भाग से भी अधिक है। दोनों देशों के बीच सहयोग का न केवल अपनी जनता के जीवन में सुधार पर असर होगा, बल्कि वैश्विक आर्थिक और राजनीतिक ढांचे पर भी महत्वपूर्ण असर पड़ेगा।
जनरल काउंसिलर मा चानवू का कहना है कि प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत के विभिन्न प्रदेशों की सरकार विकास पर बहुत ध्यान देती है। साथ ही निवेश को आकर्षित करने, आर्थिक विकास करने और जन जीवन में सुधार लाने में सक्रिय है। बिहार में पर्यटन संसाधन प्रचुर संख्या में हैं, कृषि उत्पाद विविधतापूर्ण हैं और श्रमिक शक्ति की उल्लेखनीयता भी स्पष्ट है। इस प्रदेश के पास विकास की बड़ी निहित शक्ति मौजूद है। चीन-भारत संबंधों के विकास के चलते चीन और बिहार के बीच आदान-प्रदान और सहयोग भी बढ़ रहा है। इसके सामने अभूतपूर्व विकसित अवसर मौजूद हैं।
बिहार के राज्यपाल गोविंद ने कहा कि चीन और भारत दोनों प्राचीन सभ्यता वाले देश हैं। बौद्ध धर्म दोनों देशों को जोड़ने वाली पट्टी है। बिहार की जनसंख्या ज्यादा है, यहां के लोग बहुत मेहनती और परिश्रमी हैं। जो भारत के विभिन्न जगतों और व्यवसायों में अपने श्रम के आधार पर महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। बिहार सरकार चीन के साथ आदान-प्रदान और संपर्क मज़बूत करते हुए आपसी लाभ वाले अधिक सहयोग करने को तैयार है।
(श्याओ थांग)