चीनी जन मुक्ति सेना के उप सेनाध्यक्ष छी च्येनक्वो ने 15 दिसंबर को पेइचिंग में भारतीय थल सेना के उत्तरी कोर के कमांडर डीएस हुड्डा के नेतृत्व वाले भारतीय प्रतिरक्षा प्रतिनिधि मंडल से भेंट की। उन्हें आशा है कि दोनों पक्ष प्रतिरक्षा से जुड़े आदान-प्रदान को मजबूत करेंगे, मतभेदों को दूर करेंगे और नियंत्रण अच्छी तरह से करेंगे, ताकि सीमा की शांति और सुरक्षा को सुनिश्चित किया जा सके।
छी च्येनक्वो ने कहा कि चीन-भारत मित्रता का इतिहास बहुत लंबा है। हाल के कई वर्षों में चीन और भारत के नेताओं के बीच आदान-प्रदान घनिष्ठ और गहन हुआ है। दोनों ने हाथ में हाथ मिलाकर और घनिष्ठ साझेदार संबंधों को बनाने पर महत्वपूर्ण सहमति बनाई है। चीन, चीन-भारत संबंधों की कूटनीति में एक महत्वपूर्ण स्थान पर रखता है, और दोनों के बीच भविष्य के उन्मुख चिरस्थायी रणनीतिक सहयोगी साझेदार बनाने की कोशिश कर रहा है।
हुड्डा ने कहा कि भारत और चीन दोनों एशिया में सबसे महत्वपूर्ण बड़े पड़ोसी देश हैं। भारत-चीन संबंध दोनों देशों के विकास, यहां तक कि पूरे एशिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। भारत लगातार दोनों सेनाओं के आदान-प्रदान को मजबूत करना, समझ और विश्वास को मजबूत करना, एक साथ सीमा क्षेत्र की शांति और सुरक्षा को बनाए रखना चाहता है।
चंद्रिमा
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