तिब्बत में बहुत सी सांस्कृतिक और भौगोलिक विरासत सुरक्षित हैं जिनके विकास से न सिर्फ आर्थिक और सामाजिक विकास का रास्ता खुलता है बल्कि गरीबी उन्मूलन में भी मददगार साबित होती हैं। जैसे " ज़ाथीर " नाम के तिब्बती ऊन सर्ज उनमें से एक हैं।
तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की नेतूंग काउटी में परंपरागत हस्तशिल्पी वस्तु" ज़ाथीर " नाम के तिब्बती ऊन सर्ज का जोरों से विकास किया गया है जिससे स्थानीय लोगों को आर्थिक लाभ मिला है।" ज़ाथीर " से बनी तिब्बती पोशाक 13 हजार युआन तक बेची जा रही हैं। नेतूंग काउंटी के कुछ गरीब नागरिकों को तिब्बती ऊन सर्ज बनाने वाली कंपनी में हिस्सा लेकर हर महीने कई हजार युआन का वेतन मिलता है और इस तरह वे अपने जीवन में सुधार कर रहे हैं।
नेतूंग कंपनी में अब कुल तीन सौ से अधिक कर्मचारी काम क़रते हैं जो ऊन सर्ज के अतिरिक्त दूसरे परंपरागत कपड़ों का उत्पादन भी करते हैं। वर्ष 2015 में कंपनी की आय 21 लाख युआन तक जा पहुंची है और इससे पाँच सौ गरीब परिवारों को आर्थिक भत्ता मिल रहा है।
( हूमिन )