भारत के नीति आयोग और चीनी राज्य परिषद के विकास अनुसंधान केंद्र के बीच पहले संवाद सम्मेलन का उद्घाटन समारोह 24 नवम्बर को चीन की राजधानी पेइचिंग में हुआ। इस सम्मेलन में चीनी राज्य परिषद के विकास अनुसंधान केंद्र के अध्यक्ष ली वेई और भारतीय नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविन्द पानगड़िया भी उपस्थित हुए।
राज्य परिषद के विकास अनुसंधान केंद्र के अध्यक्ष ली वेई ने चीन-भारत के आर्थिक रिश्तों पर रोशनी डालते हुए कहा कि आर्थिक क्षेत्र में दोनों देशों की बीच असीम संभावनाएं हैं। चीन और भारत का व्यापार चीन-अमेरिका व्यापार की तुलना में तीन गुणा तेजी से आगे बढ़ रहा है।
भारतीय नीति आयोग के उपाध्यक्ष अरविन्द पानगड़िया ने बताया कि यह संवाद सम्मेलन इस साल मोदी की चीन यात्रा के दौरान एमओयू पर हुए हस्ताक्षर का परिणाम है जिसका उद्धेश्य चीन और भारत एक-दूसरे से विकास के अनुभव साझा कर सकें। उन्होंने आगे बताया कि इस सम्मेलन में आर्थिक मुद्दों के अलावा मौसम परिवर्तन जैसे मुद्दों पर भी चर्चा की जाएगी।
उन्होंने नीति आयोग के बारे में बताते हुए कहा कि इस आयोग का प्राथमिक कार्य सामाजिक व आर्थिक मुद्दों पर सरकार को सलाह देना है ताकि सरकार ऐसी योजना का निर्माण करे जो लोगों के हित में हो।
बता दें कि भारत के नीति आयोग ने भारतीय जनता के विकास के लिए नीति बनाने के लिए विकेन्द्रीयकरण को शामिल किया है। इसके आधार पर केंद्र के साथ राज्य भी योजनाओं को बनाने में अपनी राय रख सकते हैं। इसके अंतर्गत योजना निचले स्तर पर स्थित इकाइंयों गांव, जिले, राज्य, केंद्र के साथ आपसी बातचीत के बाद तैयार की जाती है।
(अखिल पाराशर)