चीनी प्रधानमंत्री ली खछ्यांग ने 21 नवंबर को सुबह मलेशिया के कुआलालंपुर में भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुलाकात की।
ली खछ्यांग ने कहा कि चीन और भारत एक दूसरे के अहम पड़ोसी देश हैं। दोनों देशों के बीच उच्च स्तरीय आवाजाही कायम है और विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग में नई प्रगति हासिल हुई है। पिछले मई में हम दोनों ने पेइचिंग में वार्ता की और चीन-भारत रणनीतिक साझेदारी उन्नत करने और घनिष्ठ साझेदारी का निर्माण करने पर अहम सहमति हासिल की। चीन और भारत दुनिया में दो सबसे बड़े विकासशील देश हैं। दोनों के साझा हित मतभेद से ज्यादा हैं। दोनों देशों के बीच आपसी विश्वास और सहयोग बढ़ाना न सिर्फ विश्व आर्थिक वृद्धि, बल्कि एशिया यहां तक कि पूरी दुनिया की शांति, विकास और समृद्धि के लिए लाभदायक है।
ली खछ्यांग ने कहा कि चीन और भारत की विकास रणनीतिक बराबर हैं। चीन "मेड इन चाइना 2025" और "इंटरनेट प्लस" आदि रणनीति कार्यांवित कर रहा है। जबकि भारत "मेड इन इंडिया" और "डिजिटल इंडिया" लागू कर रहा है। दोनों के बीच सहयोग की विशाल संभावना है। चीन भारत के साथ बांग्लादेश-चीन-भारत-म्यांमार आर्थिक कॉरिडोर के निर्माण, व्यापारिक निवेश, बुनियादी संस्थापनों के निर्माण, वित्त और संस्कृति आदि क्षेत्रों में सहयोग मजबूत करने को तैयार है।
ली खछ्यांग ने कहा कि विश्व और क्षेत्रीय विकास शांति और स्थिरता की जरूरत है, न कि तनाव और मुठभेड़। चीन बहुपक्षीय मुद्दों पर भारत के साथ समन्वय मजबूत करना चाहता है, ताकि आतंकवाद जैसे वैश्विक चुनौतियों का मुकाबला किया जा सके।
मोदी ने कहा कि भारत-चीन संबंध तेजी से विकसित हो रहे हैं। एक दूसरे के बीच राजनीतिक विश्वास, रणनीतिक संपर्क और व्यापारिक सहयोग मजबूत हो रहे हैं। हमारे सीमा क्षेत्रों में शांतिपूर्ण माहौल है। भारत चीन के साथ मौके का फायदा उठाकर सहमति का कार्यांवयन करने और विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने को तैयार है। ताकि एशियाई और वैश्विक आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा दिया जा सके।
दोनों नेताओं ने अन्य समान दिलचस्पी वाले अन्तरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय मुद्दों पर भी विचार-विमर्श किया।
(ललिता)
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