मुलाकात में ली खछ्यांग ने कहा कि दुनिया के दो सबसे बड़े विकासशील देशों के रूप में चीन व भारत एक दूसरे के पड़ोसी हैं। दोनों देशों के बीच घनिष्ठ उच्च-स्तरीय आवाजाही बरकरार रही है। चीन और भारत का विकास एक दूसरे का मौका है। दोनों देशों के राजनीतिक विश्वास को गहराना, आपसी लाभ वाले सहयोग को मज़बूत करना, सीमांत क्षेत्र में शांति और अमन चैन को बनाए रखना न केवल 2 अरब 50 करोड़ जनता के लिए, बल्कि इस क्षेत्र यहां तक विश्व के विकास और समृद्धि के लिए भी लाभदायक है।
ली खछ्यांग ने कहा कि चीन खुलेपन का लगातार विस्तार करेगा, बेहतर व्यापारिक वातावरण तैयार करेगा, बौद्धिक संपदा अधिकार का और अच्छी तरह रक्षा करेगा, ताकि निवेश के लिए सबसे आकर्षक गंतव्य देश बन सके। चीन भारत समेत विभिन्न देशों के उपक्रमों के निवेश के लिए देश में आने का स्वागत करता है। आशा है कि भारत अपने देश में चीनी उद्यमों के लिए अधिक सुविधा दे सकेगा।
ली खछ्यांग ने बल देते हुए कहा कि वर्तमान दुनिया में पारंपरिक और गैर-पारंपरिक सुरक्षा की चुनौतियां मिश्रित हैं। अंतरराष्ट्रीय और क्षेत्रीय आतंक विरोधी स्थिति दिन प्रति दिन जटिल हो रही है। चीन सरकार चीन और भारत के कानून कार्यान्वनय विभागों के बीच अंतरराष्ट्रीय समुदाय के साथ मिलकर आतंक विरोधी, सीमा पार अपराध पर प्रहार जैसे क्षेत्रों में आदान प्रदान व सहयोग मज़बूत करने का समर्थन करता है, ताकि दोनों देशों में सामाजिक सुरक्षा को अच्छी तरह बनाए रखा जा सके। आर्थिक विकास, जन जीवन में सुधार के लिए अनुकूल स्थिति तैयार हो सके और क्षेत्रीय व वैश्विक शांति, स्थिरता व अमन चैन को समान रूप से आगे बढ़ाया जा सके।
राजनाथ सिंह ने कहा कि भारत व चीन विकासमान देश हैं, जो विश्व में अहम भूमिका अदा करते हैं। इधर के सालों में द्विपक्षीय संबंधों का बड़ा विकास हुआ है। भारत चीन के साथ आतंकवाद विरोधी आदि क्षेत्रों में द्विपक्षीय आदान-प्रदान व सहयोग को आगे बढ़ावा देने को तैयार है। उन्होंने विश्वास जताया कि दोनों देशों के उभय प्रयासों से भारत-चीन संबंध नये स्तर तक विकसित किया जा सकेगा।
चीनी स्टेट काउंसिलर, सार्वजनिक सुरक्षा मंत्री क्वो शङख्वुन भेंट वार्ता में उपस्थित हुए।
(श्याओ थांग)
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