वर्ष 2015 में चीन-भारत पर्यटन मंच 16 नवंबर को दक्षिण पश्चिमी चीन के युन्नान प्रांत की राजधानी खुनमिंग शहर में आयोजित हुआ । चीनी राजकीय पर्यटन ब्यूरो के महानिदेशक ली चिन ज़ाओ, भारत के सांस्कृतिक मंत्री महेश शर्मा समेत कई अधिकारियों ने उद्घाटन समारोह में भाग लिया।
ली चिन ज़ाओ ने कहा कि रेशम मार्ग प्राचीन काल में चीन और दूसरे देशों के बीच आर्थिक और सांस्कृतिक आदान-प्रदान करने का मार्ग है। पर्यटन के विकास को रेशम मार्ग आर्थिक क्षेत्रों के निर्माण के साथ जोड़ा जा सकेगा। अनुमान है कि भावी पाँच वर्षों में कुल 15 करोड़ चीनी पर्यटक रेशम मार्ग आर्थिक क्षेत्रों से जुड़े देशों का दौरा करने जाएंगे। दोनों देशों के पर्यटकों द्वारा एक दूसरे देशों में पर्यटन यात्रा के दौरान खर्च होने वाली राशि करीब दो खरब अमेरिकी डॉलर तक जा पहुंचेगी। साथ ही इन क्षेत्र में से कुल 8 करोड़ 50 लाख पर्यटकों को चीन की तरफ आकर्षित किया जाएगा।
ली चिन ज़ाओ ने कहा कि चीन और भारत वर्ष 2015 और 2016 में एक दूसरे के देशों में पर्यटन वर्ष गतिविधियों का आयोजन करेंगे। वर्ष 2015 में दोनों देशों की यात्रा करने वालों की संख्या नौ लाख तक जा पहुंचेगी। वर्ष 2016 में चीन भारत में अपने पर्यटन वर्ष की सिलसिलेवार गतिविधियों का आयोजन करेगा जिसे दोनों देशों के बीच पर्यटन आदान-प्रदान को आगे बढ़ाया जाएगा। चीन और भारत दोनों प्राचीन काल में विश्व सभ्यता के केंद्र रहे हैं। वर्तमान में दोनों देशों की जनसंख्या विश्व का एक तिहाई भाग है। चीन और भारत के बीच पर्यटन के विकास की बहुत बड़ी संभावना मौजूद है।
( हूमिन )