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    चीन, शांति मिशन के लिए तैयार है
    2015-11-10 10:50:03 cri

    चीन, शांति मिशन के लिए तैयार है---चीनी राष्ट्राध्यक्ष श्री शी चिनफींग द्वारा

    संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षा शिखर सम्मेलन में दिया गया व्याख्यान

    28 सितंबर, वर्ष 2015

    आदरणीय राष्ट्रपति बाराक ओबामा,

    आदरणीय संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून,

    साथियों,

    मैं राष्ट्रपति ओबामा के अनुमोदन से आयोजित वर्तमान संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षा शिखर सम्मेलन का समर्थन करता हूं।

    शांति मानव की समान अभिलाषा और पवित्र निशान है। संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षा गतिविधि इसी उद्देश्य के लिए सामने आई है, और वैश्विक शांति और सुरक्षा का महत्वपूर्ण तरीका भी बनी है। शांति रक्षा की कार्यवाहियों से मुठभेड़ ग्रस्त क्षेत्रों और वहां की जनता को सहायता और आशा पहुंचायी गयी है।

    वर्तमान में विश्व के अनेक क्षेत्रों में लोग युद्ध और आपदाओं से ग्रस्त हैं, उन्हें शांति से बड़ी आशाएं हैं। अतः वे भी संयुक्त राष्ट्र और इसके शांति रक्षा मिशन की प्रतीक्षा करते हैं। इसके संदर्भ में चीन का रुख हैः

    ----- शांति रक्षा कार्यवाही के बुनियादी सिद्धांतों पर डटे रहना चाहिये। संयुक्त राष्ट्र चार्टर और जाने माने " हामारस्कोल्द सिद्धांत "( Hammarskjold principles ) का सतत अनुपालन किया जाना चाहिये। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के संबंधित प्रस्तावों का संपूर्ण रूप से कार्यांवयन किया जाना चाहिये और किसी भी सदस्य देश को अपनी सदस्यता के दायरे के बाहर काम नहीं करना चाहिये। शांति रक्षा मिशन अपनाते समय स्थानीय स्थितियों औऱ जनता की अभिलाषाओं का आदर करना चाहिये और मिशन को समाप्त करने की रणनीति भी समय पर तय की जानी चाहिये।

    -----शांति रक्षा कार्यवाही को सुव्यवस्थित किया जाएगा। संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षा मिशन को न सिर्फ निवारक कूटनीति और शांति स्थापना के साथ, बल्कि राजनीतिक तालमेल, सुशासन, राष्ट्रीय सुलह और जीवन में सुधार को बढ़ावा देने के साथ साथ जोड़ा जाना चाहिये। संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद को मिशन से जोड़ने वाले देशों और शांति सेना भेजने वाले देशों की राय सुनी जाएगी। संयुक्त राष्ट्र को संबंधित क्षेत्रीय संगठनों के साथ साझेदारी संबंधों की स्थापना के लिए समन्वय करना ही चाहिये।

    ----- त्वरित प्रतिक्रया करने की क्षमता अनिवार्य है। संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षा मिशन को गति देने से शांति स्थापना के सामने अधिक अवसर प्राप्त होंगे और जान बचाने के लिए अधिक समय मिलेगा। चीन संयुक्त राष्ट्र द्वारा प्रस्तुत नयी"शांति रक्षा क्षमता तैयारी प्रणाली" का समर्थन करता है और सभी सदस्य देशों से इसमें भाग लेने की अपील करता है।

    -----अफ्रीका को अधिक सहायता प्रदान की जाएगी। अफ्रीका में संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षा मिशन की अधिक आवश्यकता है। दीर्घकालीन दृष्टि से अंतर्राष्ट्रीय समुदाय और संयुक्त राष्ट्र को अफ्रीकी देशों की स्वयं द्वारा शांति स्थापना की क्षमता को उन्नत करना चाहिये और अफ्रीकी तरीकों से अफ्रीका मुद्दे का समाधान करना चाहिये।

    साथियों ,

    चीन संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य देश होने के नाते बीते 25 वर्षों से शांति मिशन में भाग लेता आया है। चीन शांति रक्षा मिशन को सेना भेजने और पूंजी प्रदान करने का प्रमुख देश है। संयुक्त राष्ट्र शांति मिशन में सुधारन करने और इसे और बढ़ावा देने के लिए यहां मैं घोषित करता हूं :

    पहला, चीन संयुक्त राष्ट्र की नयी"शांति रक्षा क्षमता तैयारी प्रणाली"में भाग लेगा और इसीलिए एक स्थायी शांति टुकड़ी गठित करेगा और 8000 सैनिकों की शांति रक्षा तैयारी सेना की स्थापना करेगा।

    दूसरा, संयुक्त रष्ट्र के अनुरोध पर चीन शांति रक्षा मिशन में अपने अधिक इंजीनियरिंग, परिवहन और चिकित्सा से जुड़े व्यक्ति भेजेगा।

    तीसरा, चीन भावी पाँच वर्षों में दूसरे देशों को 2000 शांति सैनिकों को प्रशिक्षित करेगा, बारूदी सुरंगों की सफाई के 10 सहायता कार्यक्रम चलाएगा और इससे जुड़े प्रशिक्षण और साजो सामान भी तैयार करेगा।

    चौथा, चीन भावी पाँच वर्षों के भीतर अफ्रीकी संघ को दस करोड़ अमेरिकी डॉलर की मुफ़्त सैन्य सहायता प्रदान करेगा, ताकि अफ्रीका में एक नियमित सेना और संकट के मुकाबले में एक शीघ्र प्रतिक्रिया सेना की स्थापना की जाए।

    पांचवां, चीन अफ्रीका में संयुक्त राष्ट्र शांति सेना को अपनी प्रथम हेलीकॉप्टर टुकड़ी की तैनाती करेगा।

    छठां, चीन-संयुक्त राष्ट्र शांति और विकास कोष में से कुछ पूंजी का प्रयोग संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षा मिशन में किया जाएगा।

    साथियों ,

    कुल 18 चीनी सैनिकों और पुलिसकर्मियों ने संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षा मिशन में अपने प्राण का बलिदान किया है। पाँच वर्ष पहले चीन की महिला पुलिसकर्मी ह चि-हूंग हैती में संयुक्त राष्ट्र शांति रक्षा मिशन में भाग लेते समय अपने चार वर्षीय बेटे और बुजुर्ग मां-बाप को छोड़कर शहीद हुईं। उन्होंने यह लिखा था कि विश्व में मेरे प्राण सिर्फ एक पंख जैसे हल्के हैं, लेकिन मैं इसी हल्के पंख से शांति की अभिलाषा उठाना चाहती हूं। यह चीनी महिला पुलिसकर्मी ह चि-हूंग की अभिलाषा है, और भी शांति के प्रति चीन का वादा ही है।

    धन्यवाद !

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