पर्यटन गतिविधियों के लिए सान्या में स्थायी और सफल वृद्धि के लिए अपेक्षित वातावरण पहले से मौजूद है। स्नॉर्कलिंग, जेट स्कीइंग, स्कूबा डायविंग, वॉटर सर्फिंग, पैरासेलिंग, वॉटर स्किइंग, वॉटर स्कूटर आदि जैसे रोमांचक खेल और अन्य वॉटर स्पोर्ट्स यहां का प्रमुख आकर्षण हैं। पर्यटन क्षेत्र के लिए महत्वपूर्ण तत्व है- प्राकृतिक सौंदर्य, सामान्य जलवायु, स्वच्छ पर्यावरण, मैत्री भाव वाले शांतिप्रिय लोग हैं जो सांस्कृतिक विविधता के प्रति बेहद सहिष्णु हैं और अनूठे पर्यावरण को निर्मित करने की क्षमता रखते हैं। सान्या चीन में सर्वप्रिय पर्यटन स्थल के रूप में उभरा है। समुद्र तट, गर्म मौसम, समुद्री झीलें, पर्वतीय स्थल, हरियाली, वन्य जीवन, विविध पेड़-पौधे सान्या को पर्यटकों के लिए एक अनूठा गंतव्य स्थल बनाते हैं।
सान्या एक पर्यावरण अनुकूल सुरक्षित पर्यटक स्थल के रूप में प्रसिद्ध है। सान्या का मौसम नम और गर्म है। यहां तापमान सर्दियों में 25 डिग्री और गर्मियों में 30 डिग्री के आसपास रहता है और यह शहर साल भर सूर्य की धूप से नहाया रहता है। सबसे ज्यादा पर्यटक सर्दियों में आते हैं और यहां समुद्री तट देखना पसंद करते हैं। तातोंग हाई और यालोंग क्षेत्र के समुद्री तट पर बने रिसार्ट्स, वॉटर स्पोर्ट्स सेंटर, पानी के साहसिक खेल, ट्रेकिंग, आईलैंड कैंपिंग, प्रकृति के मध्य निवास (नेचर ट्रेल), स्कूबा डाइविंग जैसे साहसिक पर्यटन यहाँ उपलब्ध हैं।
नीले पानी और नारियल के ऊंचे पेड़ों के बीच बसा सान्या तट (बीच) आपके मन को शांति से भर देता है। करीब 25 किलोमिटर लम्बा यह तट मनोरंजन और मौज मस्ती के लिए एक बेहतरीन स्थल है। मन को मोह लेना वाला यह तट अति सुंदर और मनोरम है। सान्या के तटवर्ती इलाके में स्थित इस तट की सुंदरता देखते ही बनती है। यहां काफी संख्या में सीफूड रेस्त्रां मिल जाएंगे जो ठेठ हाईनान व्यंजन परोसते हैं। वहीं, तातोंग हाई तट सान्या घुमने वाले सैलानियों की खास पसंद रहता है। यहां बढ़िया रेंज के रेस्त्रां, कैफे, बार हैं जो हर देसी-विदेशी सैलानियों की खास पसंद को तवज्जों देते हैं। यहां कई ऐसे मॉल भी हैं जहां निर्यात की हुई चीजें आसानी से मिल जाती हैं।
हाल के वर्षों में सान्या एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल बन कर उभरा है। सान्या की यात्रा करने वाले पर्यटकों के ठहरने की आरामदायक व्यवस्था के लिए शानदार रिसार्ट्स और 3 स्टार से लेकर 7 स्टार के होटलों का निर्माण हुआ हैं। इस शहर में कई अंतरराष्ट्रीय होटल खुल चुके हैं, जो पर्यटकों को लुभावने में मददगार साबित हो रहे हैं। सान्या की स्थानीय सरकार शहर की बुनियादी संरचनाओं के निर्माण पर ख़ासा बल दे रही है। शहर में ऊंची-ऊंची इमारतों का निर्माण किया जा रहा है और शहर को सुंदर व स्वच्छ बनाया जा रहा है। सरकार ने अनेकानेक हवाई अड्डों, रेल मार्गों, एक्सप्रेस वे, जल संसाधन संरचनाओं एवं शहरी व ग्रामीण बुनियादी संरचनाओं का निर्माण कर रही है।
सान्या शहर में यातायात नेटवर्क की बात करें तो यातायात की सुविधा बहुत ज्यादा अच्छी है। यहां टैक्सी और पब्लिक ट्रांसपोर्ट बहुत सुविधाजनक है और पूरे शहर में उपलब्ध हैं। हाई-स्पीड ट्रेन और बस सान्या से हाईनान के अन्य दूसरे शहरों को जोड़ते हैं। हाईनान ईस्ट (पूर्वी) रिंग इंटरसिटी रेल का निर्माण कार्य वर्ष 2007 में शुरू हुआ। अभी हाई-स्पीड ट्रेन सान्या से हाईखोउ को जोड़ती है, साथ ही हाईनान द्वीप के पूर्वी हिस्से को भी कवर करती है। अगले साल की शुरूआती महीनों में हाई-स्पीड ट्रेन हाईनान द्वीप के पश्चिम हिस्से पर भी चलने लगेगी। यानि की हाई-स्पीड ट्रेन पूरे हाईनान द्वीप का चक्कर लगा सकेगी। इससे सान्या शहर में पर्यटन को और भी ज्यादा बढ़ावा मिलेगा। अभी
सान्या का "इको फ्रैंडली"गांव
सान्या शहर जितना सुंदर है उतने ही सुंदर उसके गांव भी हैं। सान्या शहर के चीयांग जिला के च्रोंग लियाओ गांव का दौरा कर यह साफ हो गया कि स्थानीय प्रशासन गांववासियों की इच्छाओं व जरूरतों पर ख़ासा ध्यान देती है। गांव में सड़क निर्माण के अलावा पेय जल परियोजना, फल-वृक्षों की सिंचाई परियोजना, पुराने मकान की मरम्मत और सुधार, ग्रामीणों के लिए नए गतिविधि स्थल भी स्थापित किए गए हैं। जब उस जिले की उप-निदेशक से बातचीत हुई तो पता चला कि इस गांव में प्राकृतिक सौंदर्य व स्वच्छ पर्यावरण बरकरार रखने के लिए सरकार द्वारा किसी भी कंपनी को कारखाना या बिजनस करने की अनुमति नहीं दी गई। गांववासी भी इस फैसले के हक में थे। गांववासी बिल्कुल नहीं चाहते थे कि उनके गांव के पर्यावरण एवं प्राकृतिक सौंदर्य को नुकसान पहुंचे।
ली और मियाओ अल्पसंख्यक जन जाति का यह गांव अपने आप में ही अनुठा है। सान्या शहर के अन्य दूसरे गांवों में कारखाने और कंपनियों के कदम रखने से वहां की प्राकृतिक सौंदर्य व पर्यावरण प्रभावित हुए। वहां की साफ-स्वच्छ हवा प्रदूषित हुई, साथ ही प्राकृतिक सौंदर्य की भी क्षति हुई। इसे देखते हुए च्रोंग लियाओ गांव के किसान कोई भी फैक्ट्री या कंपनी को गांव में आने की अनुमति नहीं दी। गांव के एक बुजुर्ग नेता ने बताया कि उनके गांव में कई कंपनियों की तरफ से जमीन लेने के प्रस्ताव आए थे, जो कई गुणा रकम देने को तैयार थे, पर सभी गांव वालों ने प्रस्ताव नामंजूर करते हुए मना कर दिया। सभी का मानना है कि इस गांव की खूबसूरती और पर्यावरण को बरकरार रखेंगे और किसी भी प्रकार की हानि नहीं होने देंगे।
आज गांव में किसान ग्रामीण पर्यटन और फल-वृक्ष उगाने की प्राथमिकता वाले उद्योग के विकास पर जोर देते है। लोगों के जीवन में दिन ब दिन सुधार आया है। लोग अधिकतर खेती से ही अपना भरन पोषण करते हैं और ज्यादातर नारियल, केला, पपीता, आम उगाते हैं। सरकार किसानों की बुनियादी सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए उनके घर बनवाने से लेकर सड़क, सामुदायिक भवन, स्कूल आदि का निर्माण कर रही है। पर्यावरण पर खासा ध्यान देते हुए वहां बिजली से चलने वाले वाहनों को ही चलने की अनुमति है, साथ ही वहां जगह-जगह पर चार्जिंग बूथ भी बनाए गये हैं। गांव में साइकिल चलाने वालों के लिए अलग से एक साइकिल लेन का निर्माण किया गया है। इसके अलावा सौर ऊर्जा का इस्तेमाल करने की योजना के तहत पायलट प्रोजेक्ट के रूप में स्ट्रीट लाइट और घरों पर सोलर पैनल्स लगाए गये हैं। कहा जाए तो यह पूरा गांव "इको फ्रैंडली" है।
सरकार अभी इसे प्रोजेक्ट को पायलट प्रोजेक्ट के रूप में देख रही है। यह प्रयोग सफल रहा तो अन्य गांवो में भी इस तरह का प्रोजेक्ट शुरू किया जाएगा। वाकई में, प्रकृति का सबसे अधिक कीमती उपहार माना जाने वाला सान्या शहर जीवन भर याद रहने वाला अवकाश अनुभव है।
(अखिल पाराशर)