ली य्वानछाओ ने कहा कि औरंगाबाद भारत का ऐतिहासिक मशहूर शहर है। अजंता गुफ़ा विश्व प्रसिद्ध है। पुरानी सभ्यता और आधुनिक बुद्धि का यहां अच्छी तरह से जोड़ हैं, जिससे विकास की निहित शक्ति पैदा हुई। चीन व भारत दोनों पुरातन सभ्यता वाले देश होने के साथ साथ विश्व में सबसे शक्तिशाली नवोदित बाजार भी हैं। दोनों देशों को आदान-प्रदान व एक दूसरे से सीखना और समान विकास करना चाहिये।
ली य्वानछाओ ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चीन यात्रा के दौरान औरंगाबाद व चीन के दुङह्वांग शहर आपस में मैत्रीपूर्ण शहर बने, जिसने चीन-भारत संबंधों के विकास में नयी शक्ति दी। आशा है कि औरंगाबाद लगातार चीन के साथ आदान-प्रदान का विस्तार करेगा, और बौद्ध धर्म से जुड़ी संस्कृति और सांस्कृतिक अवशेषों की संरक्षण आदि क्षेत्रों में सहयोग को मजबूत करेगा।
टूपे ने ली य्वानछाओ का हार्दिक स्वागत किया। उन्होंने कहा कि भारत व चीन के बीच मैत्रीपूर्ण आदान-प्रदान का इतिहास बहुत लंबा है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सफलता के साथ चीन की यात्रा की। भारत की विभिन्न जगत के लोग भारत व चीन के बीच विभिन्न क्षेत्रों के सहयोग को मजबूत करने का समर्थन देते हैं।
चंद्रिमा