आलेख ने कहा कि सर्वप्रथम चीनी उद्योगधंधों में पूंजीनिवेश का अनुपात ऊँच्चा रहता है । इस साल जनवरी से जुलाई तक चीन के औद्योगिक सुधार पूंजीनिवेश की रकम पिछले साल की इसी अवधि से 12.9 प्रतिशत अधिक रहा । देश के पूर्वीय प्रांतों में यह वृद्धि दर 20 और यहां तक 40 प्रतिशत तक जा पहुंची । दूसरा कि आर्थिक विकास में नव उभरते मुद्दों का विकास बेहत्तर रहे हुए हैं । चीन के पुराने उद्योग क्षेत्रों में आर्थिक विकास के ढ़ंग में बदलाव किया जाना पड़ेगा जबकि पूर्वी भाग में आर्थिक नवीनीकरण की लहर नज़र आती रही है । तीसरा कि चीनी कारोबारों का प्रदर्शन पहले से अधिक परिपक्कव और तर्कयुक्त हो गया है । बहुत से कारोबारों ने आर्थिक विस्तार करने के बजाये अन्दरूनी स्वसुधार कराने का प्रयास शुरू किया है और अपना रणनीतिक विकास लक्ष्य संपन्न किया है । चौथा कि केंद्र सरकार की हेरफेर नीतियों की सफलता साबित हो गयी है । आर्थिक ढ़ांचे को बदलाने के लिए चीनी सरकार ने कुछ दीर्घकालीन नीतियां लागू की हैं और इन नीतियों का सकारात्मक परिणाम भी स्पष्ट होने लगा है ।
( हूमिन )