विश्व बैंक ने 4 अक्तूबर को घोषणा की कि उसने पर्चेज़िंग पावर पैरिटी यानी विक्रय शक्ति पैमाना (पीपीपी) के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय गरीबी रेखा को प्रति व्यक्ति के पास प्रति दिन में 1.9 डॉलर तक उन्नत किया गया है, पहले यह मापदंड प्रति व्यक्ति के पास प्रति दिन में 1.25 डॉलर था।
विश्व बैंक ने इसी दिन "पूर्ण गरीबी को दूर कर समृद्धि का साझा करें—प्रगति और नीति" शीर्षक रिपोर्ट जारी कर ये आंकड़ा सार्वजनिक किया। विश्व बैंक के प्रथम अर्थशास्त्री कौशिक बसु ने कहा कि इस बार गरीबी रेखा के मापदंड को उन्नत किया गया, जो वर्ष 2005 के बाद विश्व में कीमतों की वृद्धि से जाहिर हुई है। विश्व बैंक ने वर्तमान विश्व में सबसे गरीब देशों की औसतन मुद्रास्फीति के अनुसार नाममात्र गरीबी रेखा उन्नत की, लेकिन वास्तविक गरीबी रेखा का स्तर फिर भी बरकरार रहा।
विश्व बैंक के आंकड़ों के अनुसार पूर्वी एशिया और प्रशांत क्षेत्र, दक्षिण एशिया, सहारा के दक्षिण में अफ्रीकी क्षेत्र में गरीब जनसंख्या भूमंडलीय गरीब जनसंख्या का 95 प्रतिशत बनता है। सहारा के दक्षिण में अफ्रिकी देशों के भाग करीब 50 प्रतिशत रहे, जबकि पूर्वी एशिया का भाग 12 प्रतिशत है।
गौरतलब है कि वर्ष 1990 में विश्व बैंक ने सबसे गरीब देशों की गरीबी रेखा चुनकर पर्चेजिंग पावर पैरिटी के अनुसार उसे डॉलर तक बदला। औसतन आंकड़ा प्राप्त कर गरीबी रेखा को प्रति व्यक्ति के पास प्रति दिन में 1 डॉलर के आसपास निश्चित किया गया। 2005 में नए पर्चेजिंग पावर पैरिटी आंकड़े और 15 सबसे गरीब देशों की औसत गरीबी रेखा के अनुसार अंतरराष्ट्रीय गरीबी रेखा प्रति व्यक्ति के पास प्रति दिन 1.25 डॉलर तक उन्नत हुई।
(श्याओ थांग)