उन्होंने कहा कि सितंबर के अंत में राष्ट्राध्यक्ष शी चिनफिंग ने संयुक्त राष्ट्र की स्थापना की 70वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में सिलसिलेवार शिखर सम्मेलनों, दक्षिण-दक्षिण सहयोग गोल मेज़ सम्मेलन और महिला शिखर सम्मेलन में भाग लिया। सम्मेलन में शी चिनफिंग ने श्रृंखलाबद्ध कदम घोषित किया। जिनमें पाँच पहलु शामिल हैं, जो इस प्रकार हैं:
पहला, चीन दक्षिण-दक्षिण सहयोग कोष स्थापित करेगा। पहले चरण में विकासशील देशों के 2015 के बाद विकास कार्यक्रम के लिए 2 अरब डॉलर प्रदान करेगा।
दूसरा, चीन अति अविकसित देशों, थलीय विकासशील देशों और विकासशील द्वीपीय देशों की सरकारों के बीच बिना ब्याज के ऋण मुफ्त कर देगा, जो 2015 के अंत तक समय सीमा समाप्त होगा।
तीसरा, भावी 5 वर्षों में चीन दूसरे विकासशील देशों को 6 "100 परियाजनाओं" का समर्थन करेगा। जिनमें 100 गरीबी उन्मूलन परियोजनाएं, 100 कृषि सहयोग परियोजनाएं, 100 अस्पताल और क्लिनीक, 100 स्कूल और रोजगार प्रशिक्षण केंद्र, 100 पारिस्थितिकि संरक्षण और जलवायु परियोजनाएं, 100 व्यापार संवर्द्धन सहायता परियोजनाएं शामिल हैं।
चौथा, चीन दक्षिण-दक्षिण सहयोग और विकास कॉलेज स्थापित करेगा।
पांचवां, भावी पाँच वर्षों में चीन दूसरे विकासशिल देशों के समर्थन में 100"महिला और बाल स्वास्थ्य परियोजनाओं" का कार्यान्वयन पेश करेगा, जिसके आधार पर चिकित्सीय दौरा करने के लिए प्रशिक्षित चिकित्सक भेजेगा। इसके साथ ही 100 "खुशहाल स्कूली परियोजनाओं" का कार्यान्वनय करेगा, जिसके आधार पर गरीब क्षेत्र में बच्चों के स्कूल जाने में सहायता देगा और विकासशील देशों की 30 हज़ार महिलाओं को चीन में प्रशिक्षण लेने के लिये आमंत्रित करेगा। स्थानीय विकासशील देशों के लिए 1 लाख महिला प्रशिक्षित कर्मचारियों का प्रशिक्षण करेगा।
चीनी वाणिज्य मंत्रालय के इस जिम्मेदार व्यक्ति ने बल देते हुए कहा कि शी चिनफिंग द्वारा घोषित इन कदमों से विश्व को बताया कि चीन अपने विकास के चलते अंतरराष्ट्रीय उत्तरदायित्व उठाने में सक्रिय है। दूसरे विकासशील देशों को यथासंभव सहायता देता है। जाहिर है कि चीन सरकार और चीनी जनता दूसरे विकासशील देशों की जनता के साथ मिल कर न्यायपूर्ण विकास की प्राप्ति और समान विकास को साकार करने का संकल्प जाहिर हुआ है।
(श्याओ थांग)