चीनी राष्ट्रीय सांख्यिकी ब्यूरो के प्रधान वांग आनपाओ ने 29 सितंबर को लेख लिखकर कहा कि वर्तमान में प्रचलित तथाकथित"चीनी निर्यात में ह्रास वाला विचार"वास्तव में"चीन धमकी के विचार"का दूसरा संस्करण है, जिसके पीछे गहरे अर्थ मौजूद हैं।
वांग आनपाओ ने कहा कि इस वर्ष की पहली दो तिमाहियों में चीन ने विश्व आर्थिक वृद्धि में 30 प्रतिशत का योगदान दिया। तथ्यों से पता चलता है कि चीनी अर्थतंत्र पहले, वर्तमान और भविष्य में विश्व अर्थतंत्र के स्वस्थ और स्थिर विकास को आगे बढ़ाने की प्रेरित शक्ति थी, है, और रहेगी।
वांग आनपाओ के विचार में पिछले कुछ वर्षों में चीनी अर्थतंत्र गिरावट के दबाव का मुकाबला करते हुए भी स्थिर और तेज़ गति के साथ बनी रही। जो विश्व आर्थिक वृद्धि का महत्वपूर्ण इंजन बन गयी और वैश्विक आर्थिक पुनरुत्थान में अहम योगदान किया।
पहला, वैश्विक आर्थिक वृद्धि में दिया गया योगदान विश्व में पहले स्थान पर। 2009-14 तक चीनी जीडीपी की सालाना वृद्धि दर 8.7 प्रतिशत रही, जो विश्व की आर्थिक वृद्धि दर के 2.0 प्रतिशत से कहीं अधिक है। विश्व आर्थिक वृद्धि में चीन ने 30 प्रतिशत का योगदान दिया, जबकि अमेरिका ने सिर्फ़ 18 प्रतिशत का योगदान किया था।
दूसरा, निर्यातित मात्राओं में स्थिर वृद्धि कायम रही। इस वर्ष जनवरी से अगस्त तक चीन में खाद्य पदार्थों के आयात में 24.4 प्रतिशत की वृद्धि हुई, कच्चे तेल का आयात 9.8 प्रतिशत बढ़ा। चीन लैटिन अमेरिकी और अफ्रीकी देशों के प्रमुख निर्यातित देश है, जिसने स्थानीय आर्थिक विकास बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
तीसरा, विदेशों में पर्यटकों की संख्या और उपभोग धन की बढ़ोत्तरी हुई। चीनी नागरिकों की आय में उन्नत होने के चलते चीनी पर्यटक विदेशों की यात्रा करने के साथ साथ खरीददारी भी करते हैं। विदेशों में चीनी पर्यटकों की कुल उपभोग राशि लगातार तीन वर्षों में विश्व में पहले स्थान पर रही। 2014 में यह राशि 10 खरब युआन से अधिक थी, जो 2013 की तुलना में 30 प्रतिशत बढ़ी है।
चौथा, विदेशों में प्रत्यक्ष निवेश और तेज़ विकास हो रहा है। वांग आनपाओ के अनुसार 2014 में चीन ने"एक पट्टी एक मार्ग"के तटीय देशों को दिया गया प्रत्यक्ष निवेश 13 अरब 70 करोड़ डॉलर था। इस वर्ष जनवरी से अगस्त तक प्रत्यक्ष निवेश 10 अरब 70 करोड़ युआन पहुंचा, जो 2014 की समान अवधि की तुलना में 48.2 प्रतिशत से अधिक रहा।
(श्याओ थांग)