चीन स्थित भारतीय दूतावास में 11 सितम्बर को हिन्दी दिवस मनाया गया जिसमें दूतवास के राजनैतिक काउंसलर विनोद कुमार जैकोब, पेइचिंग विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग के प्रोफैसर च्यांग चिनख्वेइ, भारतीय अध्यापक डॉक्टर स्मिता चतुर्वेदी आदि जाने-माने व्यक्तियों तथा अन्य देसी-विदेशी हिन्दी प्रेमियों ने भाग लिया।
दूतावास के राजनैतिक काउंसलर विनोद कुमार जैकोब ने समारोह में भाषण देते हुए कहा कि पिछले साल भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र में हिन्दी में भाषण देकर हिन्दी के प्रयोग को ज्यादा से ज्यादा व्यापक करने पर जोर दिया। हिन्दी वर्षों से न केवल भारतीय संस्कृति के प्रसार का एक महत्वपूर्ण माध्यम रही है, बल्कि हिन्दी ने संस्कृतियों के आदान-प्रदान में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।
समारोह में पेइचिंग विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग के प्रोफैसर च्यांग चिनख्वेइ ने जानकारी देते हुए कहा कि हिन्दी एक संपर्क की भाषा है और भारत की पहचान है। पेइचिंग विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग से स्नातक विद्यार्थी अब चीन भारत मैत्री के विभिन्न जगतों में कार्यरत हैं। लेकिन आज दोनों देशों के बीच आवाजाही लगातार बढ़ने के साथ-साथ ज्यादा से ज्यादा लोग हिन्दी सीखने लगे। अब चीन में 12 विश्वविद्यालयों में हिन्दी पढ़ायी जाती हैं, जिनमें पेइचिंग विश्वविद्यालय, पेइचिंग विदेशी भाषा विश्वविद्यालय, पेइचिंग मिडिया विश्वविद्यालय, शिआन विदेशी भाषा विश्वविद्यालय आदि शामिल हैं। इन विश्वविद्यालयों में हिन्दी विभागों की स्थापना के लिए पेइचिंग विश्वविद्यालय ने भारी योगदान किए।
पेइचिंग विश्वविद्यालय के हिन्दी विभाग के भारतीय अध्यापक डॉक्टर स्मिता चतुर्वेदी ने कहा कि 14 सितंबर,1949 को संविधान सभा ने हिन्दी को एकमत के बहुमत से संघ की राजभाषा स्वीकार किया था, तभी से इस दिवस को हिन्दी दिवस के रूप में मना रहे हैं। आज हिन्दी का राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय संदर्भ दोंनों बहुत ही महत्वपूर्ण है। हिन्दी विश्वभाषा का रूप भी धारण कर रही है।
बता दें कि हिन्दी दिवस के उपलक्ष में आयोजित समारोह में विभिन्न हिन्दी प्रेमियों ने भाषण दिए, हिन्दी कविता सुनाई, चीनी गायिका ने भारतीय गाना भी पेश किया।
(अखिल पाराशर)