भारतीय वित्त मंत्रालय के बचाव नाप विभाग ने हाल ही में विज्ञप्ति जारी कर कहा कि घरेलू स्टील कंपनिपों की मांग देखते हुए माप तौल विभाग ने आयातित हॉट रोल्ड फ्लैट स्टील की जांच करने का फैसला किया है। आपको बता दें कि हॉट रोल्ड फ्लैट स्टील कारों के फ्रेम बनाने, पानी के बड़े जहाज़ बनाने और बड़े बड़े सेतु बनाने में काम आता है।
जानकारी के अनुसार यह जांच भारतीय सीमा-शुल्क के न.7208 और न.72253090 वाले शुल्क दस्तावेज़ों में शामिल कुछ उत्पादनों से संबंधित है। इस मामले से जुड़े पक्षों को जांच विभाग के सामने 15 दिनों के भीतर अपील दायर करने के लिये अपना नाम पंजीकरण करवाना है और तीन दिनों के भीतर ही अपनी राय पेश करना है। चीनी वाणिज्य मंत्रालय ने 11 सितंबर को इसके बारे में जानकारी दी।
आंकड़ों के अनुसार 2014 वित्तीय वर्ष में चीन ने भारत को 36 लाख टन स्टील उत्पादों का निर्यात किया है, जो वर्ष 2013 की तुलना में 232 प्रतिशत अधिक था। जिससे विश्व के स्टील उत्पादन क्षेत्र में चीन भारत का सबसे बड़ा आयातक देश बन गया। उधर भारत द्वारा चीन से आयातित स्टील उत्पादों में हॉट रोल्ड फ्लैट स्टील सबसे ज़्यादा है। भारत ने इस बार की जांच शुरू की है, अगर इस मामले की जांच के परिणाम सामने आने के बाद चीन के स्टील निर्यात पर बुरा असर पड़ेगा।
(रमेश)
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