चीनी राज्य परिषद के न्यूज़ कार्यालय ने 6 सितंबर को 20 हज़ार शब्दों का《तिब्बत में जातीय स्वशासन व्यवस्था का सफल कार्यान्वयन》शीर्षक श्वेत पत्र जारी किया। जिसमें तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में पिछले 50 सालों में लागू की जा रही जातीय स्वशासन व्यवस्था से तिब्बत में आए भारी परिवर्तन के बारे में सर्वांगीर्ण तौर पर प्रकाश डाला गया है।
चीनी तिब्बत विद्या अनुसंधान केंद्र के अनुसंधानकर्ता ल्यान श्यांगमिंग ने 6 सितंबर को कहा कि श्वेत पत्र जारी किए जाने से पिछले 50 सालों में तिब्बत में जातीय स्वशासन व्यवस्था के कार्यान्वयन से प्राप्त सफल अनुभवों का सिंहावलोकन किया गया और जाहिर है कि केंद्र सरकार इस दिशा पर कायम रखते हुए आगे बढ़ेगी।
ल्यान श्योंगमिंग ने कहा कि जातीय स्वशासन व्यवस्था चीन में एक बुनियादी राजनीतिक व्यवस्था है। जो अल्पसंख्यक जातीय क्षेत्रों की वास्तिवक स्थिति के अनुसार लागू की जा रही है। इस व्यवस्था से विभिन्न जातीय क्षेत्रों का विकास आगे बढ़ाने के साथ साथ इन क्षेत्रों में सांस्कृतिक विशेषता का कारगर संरक्षण भी किया जा रहा है। तथ्यों से जाहिर है कि इस व्यवस्था में जीवन शक्ति भरी हुई है।
(श्याओ थांग)