जापान विरोधी युद्ध विजय की 70वीं वर्षगांठ पर चीन और भारत ने 18 अगस्त को भारत की राजधानी नयी दिल्ली में जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय में एक संगोष्ठी आयोजित की।
भारत स्थित चीनी राजदूत लो यूछेन, जेएनयू के उप महानिदेशक सुधीर कुमार सोपोरी, और भारतीय कोटनिस कोष, भारत-चीन मैत्री संघ और कोलकाता चीनी संघ के सदस्यों समेत 300 से अधिक लोग इसमें उपस्थित हुए।
लो यूछेन ने कहा कि चीन विश्व फासीवाद -विरोधी युद्ध की मुख्य भूमि में से एक है। चीन में फासीवाद-विरोधी युद्ध का समय सबसे लंबा रहा। चीन की विभिन्न पार्टियों, जातियों, धार्मिक मंडलों और समाज के विभिन्न क्षेत्रों के व्यक्तियों ने हाथ मिलाकर शत्रुओं का सामना किया और विश्व फासीवाद-विरोधी युद्ध विजय में उल्लेखनीय योगदान किया। लो यूछेन ने कहा कि जापान विरोधी युद्ध में चीन को भारत समेत अंतर्राष्ट्रीय समुदाय का बड़ा समर्थन मिला। चीनी जनता इसे नहीं भूलेगी।
उपस्थित लोगों ने कहा कि चीन और भारत ने एक साथ जापान विरोधी युद्ध विजय की याद की, जो वर्तमान में एशिया-प्रशांत क्षेत्र की शांति, विकास और दोनों देशों के मित्रवत संबंधों के विकास के लिये महत्वपूर्ण है। दोनों देशों को विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग मजबूत कर एशिया-प्रशांत क्षेत्र में शांति और स्थिरता को बढ़ावा देना चाहिये।
चंद्रिमा
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