आधुनिक श्वेनज़ान नाम से जाने-माने थान यूशान के पुत्र प्रोफ़ेसर थान चोंग ने 12 जुलाई को पेइचिंग में संगोष्ठी का आयोजन किया, जिसका थीम है चीन-भारत के समान भाग्य वाले समुदाय का निर्माण करना। चीन के कई प्रसिद्ध कॉलेजों के करीब 30 शिक्षकों और विद्वानों ने इस संगोष्ठी में हिस्सा लिया।
थान चोंग ने कहा कि चीन और भारत एक दूसरे के पड़ोसी हैं, ये एक अविवादित तथ्य है। साथ ही दोनों देशों की सभ्यता प्राचीन समय से ही जारी है, जिसे कभी भी नष्ट नहीं किया जा सकेगा।
प्रोफ़ेसर थान ने रविंद्रनाथ ठाकुर के हवाले से कहा कि चीन और भारत जैसे देश संघर्षों के बजाय उदारता की तलाश करते हैं। चीन और भारत को समान भाग्य वाला समुदाय बनना चाहिये और वे अवश्य बनेंगे।
प्रोफ़ेसर थान चोंग ने चीन-भारत आदान-प्रदान के क्षेत्र में प्रसिद्ध विद्वान हैं। उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय और जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय में करीब आधी सदी तक चीनी भाषा सिखायी है, अब वे शिकागो युनिवर्सिटी के विज़िट स्कॉलर के रूप में अनुसंधान कर रहे हैं। वर्ष 2010 में उन्हें भारत सरकार द्वारा पद्म पुरस्कार से सम्मानित किया गया था। (लिली)