शांगहाई सहयोग संगठन (एससीओ) का 15वां शिखर सम्मेलन 10 जुलाई को रूस के उफ़ा में आयोजित हुआ। चीनी राष्ट्राध्यक्ष शी चिनफिंग, रूसी राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन, कजाखस्तान के राष्ट्रपति नूरसूदन नजेरवेय ,किर्गिस्तान के राष्ट्रपति अल्मज्बेक अटेम्बायेव, ताजिकिस्तान के राष्ट्रपति रहमोन एमोमली और उजबेकिस्तान के राष्ट्रपति इस्लाम करीमोव ने इसमें हिस्सा लिया।
शी चिनफिंग ने "एकजुट होकर चुनौतियों का सामना करें, शांगहाई सहयोग संगठन को आगे बढ़ाएं" शीर्षक भाषण दिया। शी चिनफिंग ने कहा कि पिछले शिखर सम्मेलन के बाद एससीओ के सदस्य देशों ने घनिष्ठ सहयोग और एक दूसरे का समर्थन करते हुए क्षेत्रीय सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखने पर जोर दिया। विभिन्न सदस्य देशों के बीच आदान-प्रदान मजबूत होकर संगठन की एकजुटता लगातार बढ़ रही है। आंतरिक और बाह्य कारकों के प्रभाव में क्षेत्र की सुरक्षा, स्थिरता और आर्थिक वृद्धि के सामने व्यापक चुनौतियां मौजूद हैं। हमें व्यवहारिक कार्रवाई के जरिए एससीओ को एक नए स्तर पर पहुंचना चाहिए।
शी चिनफिंग ने पांच सुझाव पेश किए। पहला, "शांगहाई भावना" पर कायम रहते हुए क्षेत्रीय भाग्य समुदाय बनाएं। दूसरा, कार्रवाई करने की क्षमता उन्नत कर क्षेत्रीय सुरक्षा बैरियर स्थापित करें। तीसरा, सहयोग की निहित शक्ति बढ़ाकर व्यवहारिक सहयोग के क्षेत्रों का विस्तार करें। चौथा, नागरिकों के बीच आदान-प्रदान बढ़ाकर पीढ़ी दर पीढ़ी मैत्री मजबूत करें। और पांचवां, एक दूसरे को सीखते हुए संगठन का विकास बढ़ाएं।
शिखर सम्मेलन में भारत और पाकिस्तान को एससीओ में शामिल कराने की प्रक्रिया शुरू की गई, बेलारूस को पर्यवेक्षक देश और अज़रबैजान, आर्मेनिया, कंबोडिया व नेपाल को वार्ता भागीदार बनाने की सहमति भी हासिल की गई। सम्मेलन में यह निर्णय भी लिया गया है कि एससीओ का 2016 शिखर सम्मेलन उजबेकिस्तान की राजधानी ताशकंद में आयोजित होगा।
शिखर सम्मेलन में शांगहाई सहयोग संगठन का उफा घोषणा पत्र जारी किया गया, प्रतिरक्षा सहयोग समझौता संपन्न हुआ। वर्ष 2025 तक सीएसओ की विकास योजना और 2016 से 2018 तक आतंकवाद, पृथकतावाद व उग्रवाद के खिलाफ सहयोग कार्यक्रम पारित किए गए।
(ललिता)