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    व्यापमं घोटाले पर विशेष :अक्षय सिंह की मृत्यु पर शोक
    2015-07-10 14:58:05 cri

     

    चार जुलाई 2015 को मध्यप्रदेश में व्यापमं घोटाले की जांच करते समय एक राष्ट्रीय स्तर के टीवी न्यूज़ चैनल के प्रतिभाशाली पत्रकार श्री अक्षय सिंह जी की संदेहास्पद परिस्थितियों में मृत्यु हो गई जिसका हम सभी पत्रकार बिरादरी के लोगों को गहरा दुख हुआ है।

     

    व्यक्तिगत रूप से ये मेरे लिये एक अपूर्णीय क्षति है क्योंकि अक्षय जी न सिर्फ एक प्रतिभाशाली पत्रकार थे बल्कि एक बहुत ही नेकदिल और सज्जन व्यक्ति थे, हमेशा मुस्कुराने की उनकी आदत से उनके ढेरों मित्र बन गए थे। मैंने उनके साथ सहारा समय में काम किया था, कई अवसरों पर, साथ ही हमारा उठना बैठना होता था हम घर भी साथ ही जाते थे। इस दौरान उनसे मेरी अपने कार्यालय, मित्रों समेत कई मुद्दों पर बातचीत होती थी। वो हमेशा न्यायसंगत बात करते, अकारण कभी किसी की बुराई नहीं करते और न ही कभी किसी के लिये अपने मन में विद्वेष पालते। अपने करियर के शुरुआती दौर में उन्होंने सहारा समय के मध्यप्रदेश-छत्तीसगढ़ चैलन में डेस्क पर काम शुरु किया था, हालांकि वो शुरु से ही रिपोर्टिंग में जाना चाहते थे, लेकिन शुरुआती दौर में उन्हें टिकर ( टीवी स्क्रीन पर नीचे पट्टियों पर लिखी सूचनाएं) पर बैठा दिया गया था। वो अक्सर अपने वरिष्ठ सहयोगियों से कहा करते थे कि मैं रिपोर्टिंग में जाना चाहता हूं लेकिन मुझे आप लोगों ने डेस्क पर बैठा रखा है। जब अक्षय को मध्यप्रदेश चैनल के बिज़नेस बुलेटिन प्रोड्यूसर बनाया गया तो उसने लोगों को ये दिखा दिया कि प्रादेशिक स्तर पर भी ऐसा सफल बुलेटिन बनाया जा सकता है जिसकी टीआरपी रेटिंग बहुत अच्छी होती थी। वो हमेशा खबरें लिखने और हेडलाइन्स बनाने के दौरान मॉनीटर बॉक्स में रखे दूसरे चैनलों के टीवी स्क्रीन पर हमेशा नज़र बनाए रखता था। इसके बाद अक्षय समय के ही राष्ट्रीय चैनल के बिज़नेस डेस्क पर आ गए और यहीं से उन्हें रिपोर्टिंग पर जाने के दरवाज़े खुले, मैंने अक्षय को कभी काम के दौरान ये कहते नहीं सुना कि मैं थक गया हूं। उनके काम करने के अंदाज़ और चाल ढाल से कभी थकावट नज़र नहीं आती थी। पिछले पंद्रह वर्षों के अपने पत्रकारिता जीवन में उन्होंने संघर्ष के साथ ही बहुत प्रगति भी की, वो भारत के सबसे प्रतिष्ठित न्यूज़ चैनल आजतक की विशेष जांच टीम के महत्वपूर्ण सदस्य थे, ये टीम विभिन्न प्रकार के अपराध और घोटालों का पर्दाफाश करने का काम करती है।

     

    अक्षय जिस व्यापमं घोटाले की जांच कर रहे थे वो मध्यप्रदेश में प्रतियोगी परीक्षाएं आयोजित करवाने वाली सरकारी संस्था है जिसका पूरा नाम व्यावसायिक परीक्षा मंडल है। इस मंडल ने राज्य स्तर पर मेडिकल, इंजीनियरिंग, सुरक्षा सेवा, अध्यापन कार्यों समेत प्रशासनिक स्तर की कई सेवाओं की परीक्षाएं आयोजित करवाता था। व्यापमं घोटाला पिछले दस से भी अधिक वर्षों से जारी है और अभीतक इस घोटाले से संबंधित 45 लोगों की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो चुकी है, अक्षय की मृत्यु के साथ ही ये भी साफ़ हो गया कि ये इतना बड़ा घोटाला है कि इसकी जांच करने वाले पत्रकारों को भी निशाने पर लिया जा रहा है, अक्षय की मौत के अगले ही दिन डॉक्टर अरुण शर्मा की मौत दिल्ली के एक होटल में हो गई, वो अगले दिन व्यापमं की जांच के लिये अगरतला जाने वाले थे। डॉक्टर अरुण के बाद राज्य में ट्रेनी सब इंस्पेक्टर अनामिका कुशवाहा का शव भी एक तालाब में मिला।

     

    व्यापमं घोटाले का सच कब सबके सामने आएगा और मृतकों के साज़िशकर्ता को कब खोज निकाला जाएगा, कब उसे सज़ा मिलेगी ये एक बड़ा सवाल है जो अब भी बना हुआ है।

     

    (पंकज श्रीवास्तव)

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