शांगहाई सहयोग संगठन के सदस्य देशों का 15वां शिखर सम्मेलन जुलाई में दक्षिण रूस के वूफा में आयोजित होगा। रूसी उद्योग और वाणिज्य संघ के अध्यक्ष सर्गेई केटरिन ने हाल में कहा कि वूफा शिखर सम्मेलन शांगहाई सहयोग संगठन के इतिहास में मील का पत्थर वाला सम्मेलन बनेगा।
उन्होंने कहा कि शांगहाई सहयोग संगठन ने सुरक्षा सहयोग बढ़ाने में उल्लेखनीय उपलब्धियां हासिल कीं और क्षेत्रीय शांति, सुरक्षा और स्थिरता बनाए रखने में अहम योगदान किया, जिससे मिशन पूरा हुआ।
केटरिन ने कहा कि एशिया और यूरोप में शांति और स्थिरता की रक्षा में कारगर व्यवस्था होने के नाते शांगहाई सहयोग संगठन ने अन्तरराष्ट्रीय आतंकवाद, उग्रवाद, संगठात्मक अपराध और मादक-पदार्थों की बिक्री जैसी सुरक्षा चुनौतियों के मुकाबले में बड़ी प्रगति की। विभिन्न सदस्य देश समानता, आपसी समादर और विश्वास के आधार पर आतंकवाद विरोधी में सहयोग कर रहे हैं। इसके साथ साथ विभिन्न सदस्य देशों ने आर्थिक, व्यापारिक, तकनीकी और सांस्कृतिक आदि क्षेत्रों में भी सहयोग मजबूत किया।
केटरिन ने कहा कि चीनी राष्ट्राध्यक्ष शी चिनफिंग ने पिछले मई में रूस की यात्रा की। दोनों देशों ने "रेशम मार्ग आर्थिक कॉरिडोर" और यूरो-एशिया आर्थिक गठबंधन के निर्माण को जोड़ने से संबंधित संयुक्त वक्तव्य जारी किया। यह अवश्य ही क्षेत्रीय समृद्धि और विकास बढ़ाएगा।
भारत और पाकिस्तान को शांगहाई सहयोग संगठन में शामिल करने की प्रक्रिया शुरू करना वूफा शिखर सम्मेलन का एक विषय होगा। केटरिन ने कहा कि इससे शांगहाई सहयोग संगठन के सदस्य देशों की जनसंख्या दुनिया की कुल जनसंख्या का आधा भाग होगी। इसकी दृष्टि से वूफा शिखर सम्मेलन का मील के पत्थर का महत्व होगा। नए सदस्यों की भागीदारी क्षेत्रीय शांति और स्थिरता बनाए रखने और अर्थव्यवस्था, व्यापार, ऊर्जा, तकनीक और संस्कृति आदि क्षेत्रों में सहयोग मजबूत करने के लिए लाभदायक होगी।
केटरिन ने कहा कि वूफा शिखर सम्मेलन में वर्ष 2025 तक शांगहाई सहयोग संगठन की विकास रणनीति पर विचार किया जाएगा, जिसमें सदस्य देशों के बीच आर्थिक सहयोग की योजना शामिल है। उन्होंने कहा कि विकास रणनीति बहुत अहम है, जो वर्तमान चुनौतियों का मुकाबला करने में लाभदायक होगी।
(ललिता)