फ्रांस की यात्रा कर रहे चीनी प्रधानमंत्री ली खछ्यांग ने पेरिस स्थित आर्थिक सहयोग और विकास संगठन (ओईसीडी) के मुख्यालय का दौरा किया और भाषण दिया। उन्होंने बल देते हुए कहा कि चीन एक विकसशील देश है। भूमंडलीय अनवरत विकास मुद्दे की चर्चा में ली खछ्यांग ने चीन का रूख स्पष्ट किया और जोर देते हुए कहा कि शांति और विकास के वातावरण को बनाए रखने के लिए ढांचागत सुधार में तेज़ी लाना और भूमंडलीय उत्पादन क्षमता के क्षेत्र में सहयोग मज़बूत करना अति आवश्यक है।
ली खछ्यांग ने कहा कि 30 से अधिक वर्षों में सुधार और खुलेपन की नीति लागू करने के दौरान चीन को अच्छे से मालूम है कि 1 अरब 30 करोड़ की आबादी वाले इस बड़े विकासशील देश के लिए विकास ही सर्वप्रथम प्राथमिकता है। चीन ने अपनी स्थिति के आधार पर अंतर्रारष्ट्रीय अनुभव प्राप्त करते हुए विकास के मुद्दे पर गहन अध्ययन व खोज की, जिससे 60 करोड़ जनता के गरीबी से छुटकारा पाने में शानदार उपलब्धियां हासिल हुईं। लेकिन फिर भी स्पष्ट रूप से विचार किया जाना जरूरी है कि चीन विश्व में सबसे बड़ा विकासशील देश है। चीन के सामने आधुनिकीकरण का रास्ता बहुत लम्बा होगा।
ली खछ्यांग ने कहा कि अंतरराष्ट्रीय बैंकिंग संकट को सात साल हो चुके हैं। भूमंडलीय आर्थिक पुनरुत्थान प्रक्रिया के सामने कई बाधाएं मौजूद हैं, इसका भविष्य फिर भी अस्पष्ट है। आर्थिक सहयोग और विकास संगठन समेत अंतरराष्ट्रीय संस्थाओं ने विश्व आर्थिक वृद्धि के अनुमान को कम किया। अर्थव्यवस्था को स्थिर बनाना, रोज़गार बढ़ाना और अनवरत विकास को मज़बूत करना विश्व के सामने मौजूद समान चुनौतियां हैं। ली खछ्यांग ने शांति विकास के पर्यावरण को बनाए रखने, ढांचागत सुधार में तेज़ी लाने और अंतरराष्ट्रीय उत्पादन क्षमता सहयोग जैसे तीन पहलुओं पर विचारों की व्याख्या की और चीन के अनुभवों को साझा किया।
(श्याओ थांग)