एशियाई आधारभूत ढांचे निवेश बैंक यानी एआईआईबी समझौते पर 29 जून को पेइचिंग में हस्ताक्षर किये गये, जिसका मतलब ये है कि एआईआईबी की औपचारिक स्थापना की उल्टी गिनती शुरू हो चुकी है। चीन, भारत और रूस इस बैंक के तीन सबसे बड़े शेयरधारक हैं।
चीनी उप वित्तमंत्री शी योपिन ने परिचय देते हुए कहा कि समझौते के अनुसार एआईआईबी में एशिया के अंदर और एशिया के बाहर के सदस्यों की पूंजी का अनुपात 75:25 है। विभिन्न सदस्यों के बीच अपने अपने दायरे में जीडीपी के अनुपात के अनुसार शेयर बांटे जाते हैं। इस तरह चीन ने 30.34 प्रतिशत शेयर लिये हैं, जिनका मूल्य 29 अरब 78 करोड़ 4 लाख अमेरिकी डॉलर है। चीन एआईआईबी का सबसे बड़ा शेयरधारक बन गया है।
भारत और रूस अलग अलग तौर पर दूसरे और तीसरे सबसे बड़े शेयरधारक हैं। भारत ने 8 अरब 36 करोड़ 70 लाख अमेरिकी डॉलर के शेयर लिये हैं, जबकि रूस ने 6 अरब 53 करोड़ 60 लाख अमेरिकी डॉलर के शेयर लिये हैं।
समझौते में निर्धारित सिद्धांतों के अनुसार एआईआईबी में चीन का मतदान अधिकार 26.06 प्रतिशत है ,जबकि भारत और रूस का मतदान अधिकार अलग अलग तौर पर 7.5 प्रतिशत और 5.92 प्रतिशत है।