सातवीं चीन-अमेरिका रणनीतिक और आर्थिक वार्ता के आयोजन की पूर्व संध्या पर अमेरिकी पत्रिका"राजनीतिक नीति"में चीनी स्टेट कांसुलर यांग च्येछी का《चीन- अमेरिका सहयोग द्विपक्षीय और वैश्विक हितों से मेल खाता है》शीर्षक लेख प्रकाशित हुआ।
अपने लेख में यांग च्येछी ने कहा कि 23 से 24 जून तक सातवीं चीन-अमेरिका रणनीतिक और आर्थिक वार्ता वाशिंगटन में आयोजित होगी। इस व्यवस्था की स्थापना वर्ष 2009 में हुई। पिछले 6 सालों में, खास कर 2013 में राष्ट्राध्यक्ष शी चिनफिंग और राष्ट्रपति बराक ओबामा के बीच चीन-अमेरिका के समान रूप से नए बड़े देशों के बीच संबंध की स्थापना वाली सहमति हासिल होने के बाद इस व्यवस्था का लगातार विस्तार हो रहा है। दोनों देशों के बीच 700 से अधिक उपलब्धियां प्राप्त हुईं, जिनमें विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय आवाजाही और सहयोग के लिए अधिकाधिक सक्रिय भूमिका निभा रही है।
लेख में कहा गया कि चीन और अमेरिका के बीच ईरानी परमाणू उर्जा मुद्दे, कोरियाई प्रायद्वीप के नाभिकीय मामले, दक्षिण सूडान जैसे मसलों पर घनिष्ट संपर्क और समन्वय कायम रहे। दोनों देशों ने संबंधित मुद्दों का अच्छी तरह समाधान करने के लिए अथक कोशिश कीं। चीन और अमेरिका ने अफ़गानिस्तान के लिए राजनितिज्ञों का संयुक्त प्रशिक्षण किया, पूर्वी तिमोर के कृषि विकास में सहायता दी और अफ्रीकी क्षेत्रों में त्रिपक्षीय सहयोग को सक्रिय रूप से तलाशा। चीन और अमेरिका ने संबंधित देशों और क्षेत्रों की स्थिरता और विकास के लिए योगदान किया है।
दोनों देशों के बीच कूटनीतिक संबंध स्थापना के पिछले 36 वर्षों में चीन और अमेरिका के बीच पारस्परिक हित लगातार बढ़ रहा है। चीन-अमेरिका संबंध की रणनीतिक अर्थ और वैश्विक प्रभाव लगातार उन्नत हो रहे हैं। नई परिस्थिति में चीन और अमेरिका को सहयोग करना चाहिए। द्विपक्षीय सहयोग का दायरा बढ़ाना चाहिए।
चीन अमेरिका के साथ मिलकर एक ही दिशा में आगे बढ़ने को तैयार है। दोनों देशों के शीर्ष नेताओं द्वारा संपन्न आम सहमतियों का संजीदगी के साथ कार्यान्वयन करते हुए रणनीतिक संपर्क और पारस्परिक विश्वास बढ़ाते हुए मतभेदों और संवेदनशील मुद्दों का अच्छी तरह नियंत्रण करेंगे और विभिन्न क्षेत्रों में आवाजाही और वास्तविक सहयोग को बढ़ाएंगे। (श्याओ थांग)