22 जून की सुबह 10 बजे चीन-भारत सीमा के नाथुला दर्रे से पहले बैच के सरकारी तीर्थ यात्री कैलाश की ओर बढ़े, जो भारत से तिब्बत की तीर्थ यात्रा का एक नया मार्ग औपचारिक रूप से खुलने का द्योतक है। भारत के तीर्थ यात्री तिब्बत के आली क्षेत्र के कैलाश पर्वत और मानसरोवर जाएंगे और 12 दिवसीय तीर्थ यात्रा करेंगे।
चीन व भारत के बीच 2014 में संपन्न चीन लोक गणराज्य और भारत गणराज्य के बीच और घनिष्ट साझेदारी संबंध स्थापना के संयुक्त वक्तव्य के अनुसार दोनों देशों की धार्मिक आवाजाही को आगे बढ़ाने और भारतीय तीर्थ यात्रियों को सुविधा देने के लिए भारत के अनुरोध पर चीन ने नाथुला दर्रे से कैलाश जाने वाला नया मार्ग खोला।
गौरतलब है कि चीन ने 1981 से भारत के सरकारी तीर्थ यात्रियों के तिब्बत आकर तीर्थ यात्रा करने को मान्यता दी। पहले भारतीय तीर्थ यात्रियों को 5200 से ज्यादा मीटर ऊंचे वाले लिपुलेह पास को पार करना पड़ता था। अब नया मार्ग और सुविधा, सुरक्षित व आरामदेह हो गया है।
भारत स्थित चीनी राजदूत ल यूछन ने कहा कि नाथुला दर्रे के जरिए तीर्थ यात्रा मार्ग पिछले साल चीनी राष्ट्राध्यक्ष शी चिनफिंग की भारत यात्रा के दौरान भारत के नेताओं के साथ संपन्न महत्वपूर्ण सहमति है। इस लाईन के खुलने से दोनों देशों की आपसी समझ व संपर्क मजबूत होगा और द्विपक्षीय संबंधों के स्वस्थ विकास के लिए दृढ़ आधार भी तैयार होगा।
(श्याओयांग)