चीन-भारत आर्थिक व्यापारिक और पर्यटन सहयोग मंच 11 जून को दक्षिण-पश्चिमी चीन के युन्नान प्रांत की राजधानी खुनमिंग में उद्घाटित हुआ। दोनों देशों के 3 सौ से अधिक अतिथियों ने पर्यटन, निवेश, बुनियादी संस्थापन निर्माण जैसे क्षेत्रों में सहयोग के बारे में विचार विमर्श किया। ताकि दोनों देशों के बीच आपसी संसाधनों की आपूर्ति साकार हो सके।
जानकारी के अनुसार मौजूदा मंच का आयोजन चीनी अंतरराष्ट्रीय व्यापार संवर्द्धन समिति, चीन स्थित भारतीय दूतावास, पश्चिम बंगाल की सरकार द्वारा संयुक्त रूप से किया जा रहा है। चीनी अंतरराष्ट्रीय व्यापार संवर्द्धन समिति के उप प्रधान यू फिंग ने उद्घाटन समारोह में भाषण देते हुए कहा कि चीन और भारत दोनों पड़ोसी देश ही नहीं, बल्कि समान नवोदित आर्थिक समुदाय भी हैं। 21वीं सदी में दोनों देशों के बीच विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग का तेज़ी के साथ विकास हो रहा है। द्विपक्षीय व्यापार राशि में 20 गुना की वृद्धि हुई है, जबकि व्यक्तियों की आवाजाही करीब 2 गुना बढ़ी है। दोनों देशों के बीच प्रति सप्ताह 45 सीधी हवाई उड़ानें उपलब्ध हैं। चीन और भारत के आर्थिक और व्यापारिक सहयोग का भविष्य उज्ज्वल है।
वहीं चीन स्थित भारतीय राजदूत अशोक कंठ ने कहा कि चीन के युन्नान प्रांत और भारत के बीच आर्थिक, सांस्कृतिक क्षेत्रों में आवाजाही का इतिहास बहुत लंबा है। यह प्रांत चीन और भारत के बीच आवाजाही में अहम भूमिका निभाता रहा है। भारत को आशा है कि बांगलादेश-चीन-भारत-म्यांमार आर्थिक गलियारे के निर्माण को आगे बढ़ाया जाएगा। विश्वास है कि इससे क्षेत्रीय देशों को बहुत लाभ मिलेगा।
मंच में युन्नान प्रांत और पश्चिम बंगाल के 8 उद्यमों में आपसी सहयोग समझौते पर हस्ताक्षर हुए, जो पर्यटन सेवा, बैंकिंग, मीडिया और लॉजिस्टिक्स से संबंधित हैं।
(श्याओ थांग)