चीनी प्रधानमंत्री ली खछ्यांग और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 मई को पेइचिंग स्थित टेम्पल ऑफ हेवेन (थ्येनथान पार्क) में ताइची-योग समारोह में हिस्सा लिया।
ली खछ्यांग ने कहा कि चीन का ताइची और भारत का योग हमारी प्राचीन संस्कृतियों की मूल्यवान निधियां हैं। दोनों से सभ्यता और संस्कृति को विरासत के रूप में विकसित करने की बात प्रतिबिंबित होती है। ताइची-योग समारोह दुनिया को चीन और भारत के सामंजस्यपूर्ण सहअस्तित्व होने और क्षेत्रीय स्थिरता और समृद्धि बनाए रखने का विश्वास प्रदर्शित करता है।
मोदी ने कहा कि ताइची-योग समारोह के आयोजन से भारत और चीन दोनों पुरानी सभ्यता वाले देशों के विकसित हो रहे संबंध प्रतिबिंबित हुए हैं। चाहे योग हो या ताइची, लोगों के शारीरिक और आत्मिक स्वास्थ्य के लिए लाभदायक है। योग और ताइची के अभ्यास से दोनों देशों के युवा आपस में समझ और आदान-प्रदान बढ़ा सकते हैं। इससे भारत-चीन संबंधों के विकास में सांस्कृतिक आवाजाही की भूमिका के महत्व का पता चलता है।
समारोह के बाद ली खछ्यांग और मोदी ने चीन-भारत संबंधों के विकास और सहयोग पर बातचीत की। ली खछ्यांग ने मोदी को चीन की यात्रा सफल होने पर बधाई दी, जबकि मोदी ने भारत का दौरा करने के लिए ली खछ्यांग का स्वागत किया।
(ललिता)