मुलाकात में शी चिनफिंग ने मोदी की चीन यात्रा का स्वागत किया। उन्होंने चीन-भारत संबंधों को मजबूत करने के लिए चार सुझाव पेश किए। एक, दोनों देश रणनीतिक दृष्टि से चीन-भारत संबंध को देखें और अंतर्राष्ट्रीय व क्षेत्रीय मामलों में रणनीतिक सहयोग को प्रगाढ़ करें। दूसरा, क्षेत्रीय अर्थतंत्र के एकीकरण की प्रक्रिया को आगे बढ़ाएं। तीसरा, आपसी विश्वास को मजबूत करके मतभेदों व समस्याओं का हल करें। चौथा, दोनों देशों की विभिन्न जगतों के लोगों के आदान-प्रदान को मजबूत करके आपसी समझ को बढ़ावा दें। शी चिनफिंग ने कहा कि चीन भारत समेत दक्षिण एशियाई देशों के साथ आपसी लाभ वाले सहयोग को प्रगाढ़ करना चाहता है और इस क्षेत्र की शांति, स्थिरता व समृद्धि को आगे बढ़ावा देना चाहता है।
मोदी ने कहा कि भारत चीन को महान पड़ोसी देश मानता है। भारत आपसी विश्वास को प्रगाढ़ करने, रणनीतिक संपर्क को घनिष्ट करने, विभिन्न क्षेत्रों में सहयोग का विस्तार करने और सांस्कृतिक आवाजाही को गहन करने को तैयार है। भारत चीन के साथ उभय प्रयास करके द्विपक्षीय संबंधों को एक नये स्तर तक उन्नत करेगा। मोदी ने कहा कि भारत चीन के साथ आर्थिक व व्यापारिक संबंधों को मजबूत करना चाहता है।
आगामी तीन दिनों में प्रधान मंत्री मोदी शीआन से पेइचिंग, और पेइचिंग से शांगहाई का दौरा करेंगे। वे चीनी समाज के विभिन्न तबकों के साथ तमाम संपर्क करेंगे।
यह मोदी के प्रधान मंत्री पद संभालने के बाद उनकी पहली चीन यात्रा है। मोदी की वर्तमान चीन यात्रा चीन-भारत संबंधों के विकास में नयी शक्ति डालेगी।
(श्याओयांग)