भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 14 से 16 मई तक चीन की राजकीय यात्रा कर रहे हैं। यह वर्ष 2015 में चीन-भारत संबंधों की महत्वपूर्ण घटना है। भारत स्थित चीनी राजदूत ले यूछंग ने सीआरआई संवाददाता को दिए विशेष इन्टरव्यू में कहा कि पीएम मोदी की मौजूदा यात्रा से चीन और भारत के बीच साझेदार संबंधों में और विस्तार होगा।
पिछले वर्ष सितंबर माह में चीनी राष्ट्राध्यक्ष शी चिनफिंग की भारत यात्रा के दौरान चीन और भारत के बीच अधिक घनिष्ठ सहयोगी साझेदार संबंध स्थापित करने का लक्ष्य बनाया गया। इधर के सालों में चीन और भारत के बीच सहयोग में लगातार विस्तार हो रहा है। खासकर बुनियादी संस्थापन, बैंकिंग उद्योग, आईटी उद्योग और विनिर्माण उद्योग एक दूसरे के पूरक हैं, इन क्षेत्रों में भविष्य में अधिक सहयोग के अवसर मौजूद हैं। चीन-भारत संबंधों के विकास और द्विपक्षीय सहयोग की चर्चा करते हुए राजदूत ले यूछंग ने कहा:
"चीन और भारत दोनों विकासशील देश ही नहीं, बड़ी जनसंख्या वाले देशों हैं। दोनों देशों की आबादी 2 अरब 50 करोड़ है। इसके साथ ही दोनों देश राष्ट्रीय पुनरुत्थान के महत्वपूर्ण दौर से गुज़र रहे हैं। उनके समान विकास लक्ष्य हैं, रणनीति और अवधारणा भी समान है। विकास के अलावा दूसरे क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय मामलों में सहयोग, शांगहाई सहयोग संगठन, चीन और सार्क देशों के बीच सहयोग, विश्व अर्थव्यवस्था, जलवायु परिवर्तन, आतंक विरोधी और शांति स्थापना जैसे क्षेत्रों में दोनों देश सहयोग भी करते हैं। वर्तमान में अंतरराष्ट्रीय संबंधों में परिवर्तन हो रहा है। युक्तियुक्त और न्यायपूर्ण नई अंतरारष्ट्रीय व्यवस्था स्थापित करने के दौरान चीन और भारत के एक ही स्वर हैं। पंचशील सिद्धांतों के संस्थापक देशों के रूप में चीन और भारत के पास समान विचार और रुख़ हैं, इस तरह द्विपक्षीय सहयोग की बड़ी गुंजाइश है।"
पिछले कुछ वर्षों में चीन और भारत के बीच उच्च स्तरीय आवाजाही, विभिन्न क्षेत्रों में आदान प्रदान और सहयोग लगातार मज़बूत किया जा रहा है। भारत में दो चीनी औद्योगिक पार्कों का निर्माण निरंतर आगे बढ़ाया जा रहा है। चाइनीज़ हाईस्पीड रेलवे और मेक इन इंडिया, दूसरे आर्थिक और व्यापारिक सहयोग, पीएम मोदी की मौजूदा चीन यात्रा के मुख्य विषय हैं। राजदूत ले यूछंग ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी द्वारा प्रस्तुत"मेक इन इंडिया"वाली योजना ने कई चीनी उद्यमों को आकृष्ट किया है। चीनी उद्यम भारतीय बाज़ार को लेकर आशावान हैं और भारत में पूंजी निवेश करना चाहते हैं। इसके साथ ही भारत की विभिन्न स्तरीय सरकारों ने चीनी पूंजी को आकृष्ट करने लिए उदार कदम अपनाए हैं। राजदूत ले यूछंग के विचार में चीन और भारत के बीच आर्थिक व्यापारिक भविष्य बहुत सुनहरा होगा।
आर्थिक और व्यापारिक क्षेत्रों के अलावा सांस्कृतिक आदान-प्रदान और मानविकी आवाजाही चीन और भारत के बीच अधिक घनिष्ठ साझेदारी संबंध विकसित करने का महत्वपूर्ण विषय भी है। दोनों देशों के बीच मित्रवत आवाजाही का इतिहास बहुत पुराना है। थांग राजवंश में महाचार्य़ ह्वेसांग बौद्ध सूत्र की प्राप्ति के लिए गुजरात गए थे। उत्तर-पश्चिमी चीन के शान्नशी प्रांत की राजधानी शीआन शहर में स्थित महा छीएन मंदिर में आजतक महाचार्य ह्वेनसांग द्वारा भारत से लाए गए बौद्ध सूत्र सुरक्षित हैं। मौजूदा यात्रा का पहला पड़ाव शीआन को चुना गया, राष्ट्राध्यक्ष शी चिनफिंग पीएम मोदी से मुलाकात के लिए विशेष तौर पर शीआन गए। जिससे प्रधानमंत्री मोदी की मौजूदा यात्रा पर चीन के महत्व का पता चलता है। भारत स्थित चीनी राजदूत ले यूछंग ने कहा कि चीन और भारत के बीच सांस्कृतिक आवाजाही की बड़ी संभावना मौजूद है। एक ऐतिहासिक सुप्रसिद्ध प्राचीन शहर के रूप में शीआन चीनी और भारतीय जनता के बीच सांस्कृतिक आवाजाही का इतिहास दिखाएगा। उन्होंने कहा:
"थांग राजवंश में महाचार्य ह्वेनसांग बौद्ध सूत्र लेने भारत जाने के लिये शीआन से रवाना हुए थे। महा छीएन मंदिर तत्कालीन समय में बौद्ध सूत्र के अनुवाद किए जाने का स्थल था। शीआन शहर चीन-भारत सांस्कृतिक आदान-प्रदान का साक्षी बना मोदी की मौजूदा शीआन यात्रा से द्विपक्षीय सांस्कृतिक आदान-प्रदान और सहयोग मज़बूत होगा।" (श्याओ थांग)