भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी 14 से 16 मई तक चीन की राजकीय यात्रा करेंगे। प्रधानमंत्री बनने के बाद मोदी की यह पहली चीन यात्रा होगी। मोदी की यात्रा से पहले चीन स्थित भारतीय राजदूत अशोक कंठ ने सीआरआई संवाददाता अखिल पाराशर को दिए एक विशेष इन्टरव्यू में कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की मौजूदा यात्रा से भारत-चीन संबंध के भविष्य के लिए दूरगामी असर पड़ेगा और द्विपक्षीय संबंध के विकास में एक नए मील का पत्थर साबित होगा।
कंठ ने कहा कि मोदी की इस यात्रा से भारत-चीन संबंध और आगे की तरफ बढ़ेगा और पिछले वर्ष चीनी राष्ट्राध्यक्ष शी चिनफिंग की भारत यात्रा के दौरान प्राप्त अहम फलों के कार्यान्वयन किया जाएगा। उन्होंने कहा कि भारत और चीन विश्व में दो बड़े विकासशील देश ही नहीं, सबसे तेज़ विकास वाले देश भी हैं। दोनों देशों के पास अपने-अपने सपने हैं। हाल के वर्षों में भारत और चीन अंतरराष्ट्रीय मामलों में अधिक से अधिक अहम भूमिका निभा रहे हैं। दोनों देशों के नेताओं के पास द्विपक्षीय संबंध को आगे बढ़ाने की अभिलाषा है और वे द्विपक्षीय संबंध में सुधार के लिए भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
भारतीय राजदूत अशोक कंठ के विचार में प्रधानमंत्री मोदी की मौजूदा चीन यात्रा से वास्तविक परिणाम मिलेगा, द्विपक्षीय आर्थिक सहयोग गहन होगा और भारत-चीन संबंध के विकास में नये मौके प्राप्त होंगे। उन्होंने कहा कि चीन भारत में पूंजी निवेश बढ़ाता है, जबकि भारत के पास चीन के साथ आर्थिक व्यापारिक और पूंजी निवेश सहयोग करने की इच्छा है। दोनों देशों के बीच कम से कम 20 आर्थिक व व्यापारिक सहयोग संधियों पर हस्ताक्षर किए जाने की संभावना होगी। राजदूत कंठ ने कहा कि हमारे दोनों देशों के बीच सहयोग न सिर्फ़ पेइचिंग और नई दिल्ली तक सीमित रहे, बल्कि प्रांतों, शहरों और विभिन्न स्तरों के बीच आदान-प्रदान व सहयोग भी होने लगे हैं। मुझे विश्वास है कि प्रधानमंत्री मोदी की मौजूदा यात्रा का दूरगामी अर्थ होगा, जो भारत-चीन संबंध के विकास में नए मील का पत्थर साबित होगा।