खुनमिंग कॉलेज और कलकत्ता विश्वविद्यालय के अधीन ज्योतिर्मोये स्कूली शिक्षा कॉलेज के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित"भूमंडलीय स्कूली शिक्षा"अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन 23 से 24 अप्रैल तक दक्षिण पश्चिमी चीन के युन्नान प्रांत की राजधानी खुनमिंग में आयोजित हो रहा है।
खुनमिंग कॉलेज के अंतरराष्ट्रीय आदान-प्रदान और सहयोग विभाग के प्रधान वांग वनचुन ने 23 अप्रैल को सम्मेलन में कहा कि वर्तमान में शिक्षा क्षेत्रीय शिक्षा के बजाए भूमंडलीय शिक्षा है। युन्नान प्रांत के विभिन्न उच्च स्तरीय कॉलेज और विश्वविधालय दक्षिण एशिया, दक्षिण पूर्वी एशिया के विभिन्न देशों के साथ शिक्षा को प्रधानता देते हुए"एक पट्टी एक मार्ग"के निर्माण में सक्रिय रुप से भाग लेने को तैयार है।
वहीं कलकत्ता विश्वविद्यालय के अधीन ज्योतिर्मोये स्कूली शिक्षा कोलेज की प्रधान मीता बनर्जी ने सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में कहा कि पिछले 20 से अधिक सालों में भूमंडलीकरण विकास से लोगों के जीवन और सोच विचार के तौर तरीकों में परिवर्तन आया है। इसी दौरान शिक्षा ने भूमंडलीकरण प्रक्रिया में अहम भूमिका निभाई। इसके विपरित शिक्षा भूमंडलीकरण से गहरा असर पड़ता है।
भारतीय सरस्वती ऑनलाइन के महानिदेशक, ज्योतिर्मोये स्कूली शिक्षा कोलेज की परिषद के प्रधान प्रथा सारथी गांगुली के मुताबिक मौजूदा सम्मेलन का उद्देश्य चीन और भारत के बीच सांस्कृतिक और शैक्षिक आदान-प्रदान मज़बूत करते हुए आपसी समझ बढ़ाना है।
(श्याओ थांग)