Thursday   Aug 14th   2025  
Web  hindi.cri.cn
निंगचोंग जिले में चरवाहों के लिए सामुदायिक बस्ती का दौरा
2015-03-31 16:44:26 cri

निंगचोंग जिला तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की तोंगश्योंग कांउटी में स्थित है। हाल के दिनों में हमारे संवाददाता ने इस जिले के छ्वुछाई गांव का दौरा किया, जहां गांववासी चरवाहे हैं।

छ्युछाई गांव में तिब्बती चरवाहा पालू के घर में लीविंग रूम में परिवार के सदस्य गर्म, घी से बनी हुई चाय पीते औऱ स्वनिर्मित याक का मांस खाते और गपशप करते हुए टीवी कार्यक्रम का मज़ा ले रहे हैं।

यह पालू का नया घर है। जो पर्वतों और चरागाहों के बीचोंबीच बसा है। मकान के आसपास छिंगहाई-तिब्बत रेलवे और छिंगहाई-तिब्बत राज मार्ग है। छ्युछाई गांव तिब्बत की राजधानी ल्हासा से गाड़ी से जाने पर करीब दो घंटे लंबा रास्ता है। यहां 1424 चरवाहे परिवार रहते हैं। वर्ष 2011 में पालू और परिवार के सदस्यों ने दूसरे स्थल से इस गांव में स्थानांतरण किया था। दो मंजिली इमारत का कुल क्षेत्रफल 260 वर्गमीटर है। लीविंग रूम की छत पर 4 झाड़ फ़ानूस लगाए गए हैं। कमरे में तिब्बती पारंपरिक शैली की कुर्सियां और दीवार पर भीत्ति चित्र रखे जाते हैं। पालू ने कहा कि आज घर में रहना बहुत सुविधापूर्ण लगता है। पहले चरागाह में रहने के दौरान हालत खराब थी, और उस स्थिति को मैं कभी नहीं याद करना चाहता। उसने कहा:

"पहले हम मिट्टी से बने मकानों में रहते थे जिन्हें हम स्वयं अपने हाथों से बनाते थे। पहले मकान का क्षेत्रफल कम था और मकान की स्थिति खराब थी। वर्ष 2011 में हमने देश की सुरक्षित आवास परियोजना का उपभोग करते हुए विशेष तौर पर चरवाहों के लिए निर्मित इस नई बस्ती में स्थानांतरण किया। वर्तमान में रहने की स्थिति कहीं बेहतर हुई है। ईंटों से बनी हुई दो मंजिली इमारत की अच्छी गुणवत्ता ही नहीं, बल्कि कमरा भी बड़ा है।"

पालू के कथन के अनुसार सुरक्षित आवास परियोजना तिब्बत स्वायत्त प्रदेश में किसानों और चरवाहों की आवास स्थिति को सुधारने के लिए लागू की जा रही उदार परियोजना है। वर्ष 2006 में इस परियोजना का कार्यान्वयन शुरु हुआ था, जो मुख्य तौर पर किसानों के आवास स्थलों में सुधार, चरवाहों के लिए स्थाई बस्ती निर्माण और गरीबी उन्मूलन के लिए स्थानांतरण आदि शामिल हैं। यातायात लाइनों के पास स्थित चरागाहों में पशुपालन करने वाले चरवाहे अपनी इच्छा से और जीवन जीने की आदत के अनुसार सुरक्षित आवास स्थलों को चुनते हैं। जहां उनके बच्चे स्कूल जाने, रोगियों के अस्पताल जाने और वृद्धों के स्थाई स्थलों में जीवन बिताने के लिए सुविधापूर्ण वातावरण है।

50 से अधिक वर्ष पहले कृषि और पशुपालन तिब्बत का एकमात्र उद्योग था। लम्बे समय तक आदिम पिछड़े उत्पादन तरीके से यहां के कृषि औऱ पशुपालन उद्योग का निम्न स्तरीय विकास हुआ था। उस जमाने में 90 प्रतिशत तिब्बती लोगों के पास अपने स्थाई रिहायशी मकान नहीं थे। चरवाहे आम तौर पर शिविर लिए चरागाह में याकों और भेड़ों के साथ रहते थे। उस समय चरवाहों में रहने की स्थिति बहुत खराब थी। आधारभूत जीवन की गांरटी भी नहीं मिल सकती थी। इसकी चर्चा में तिब्बत स्वायत्त प्रदेश की राजधानी ल्हासा शहर के शीर्ष नेता छी जाला ने कहा:

"उस समय गर्मियों में चरवाहे घास के मैदान में पशु पालन करते थे। सर्दियों में बर्फबारी वाले मौसम में कई याकों की मृत्यु ठंड से हो जाती थी। तो आप कल्पना कर सकते हैं कि चरवाहों की स्थिति कितनी खराब रहती होगी। मानवाधिकार क्या है?मुझे लगता है कि हम सच्चे मायनों में मानवाधिकारों की रक्षा करते हैं। पुराने जमाने में चरवाहे और पशु समान रूप से खराब स्थिति में रहते थे। लेकिन आज तिब्बत में सुरक्षित आवास परियोजना लागू की जा रही है। हर किसान और चरवाहा सुरक्षित मकान में रह सकते हैं।"

बताया जाता है कि चरवाहे सुरक्षित आवास परियोजना के तहत राष्ट्र, स्वायत्त प्रदेश और ल्हासा शहर तीन स्तरीय भत्ता व्यवस्था से लाभ उठाते हैं। रिहायशी महानों के निर्माण के लिए हर परिवार को 35 हज़ार युआन की सब्सिडी दी जाती है। तिब्बती चरवाहे पालू ने कहा कि उसके घर को स्थानांतरण के वक्त छिंगहाई-तिब्बत रेलवे और छिंगहाई-तिब्बत राज मार्ग में सुधार किए जाने के दौरान विशेष भत्ता मिला था। मकानों के निर्माण में कुल 3 लाख युआन का खर्च आया था, जिसमें उसे 1 लाख 30 हज़ार युआन का सरकारी भत्ता मिला था।

निंगचोंग जिले की जन प्रतिनिधि सभा के अध्यक्ष लांग्गा ने जानकारी देते हुए कहा कि सुरक्षित आवास परियोजना के प्रति स्थानीय चरवाहों के पास सक्रिय प्रतिक्रिया है। वर्तमान में पूरे निंगचोंग जिले में सुरक्षित आवास परियोजना का कार्यान्वयन बुनियादी तौर पर सम्पन्न हुआ है। उन्होंने कहा:

"हमारे निंगचोंग जिले में कुल 1862 परिवारों में 96 से 97 प्रतिशत परिवार सुरक्षित आवास परियोजना में शामिल हुए हैं। जो परिवार इस परियोजना में शामिल नहीं हुए हैं, वह आने वाले नए परिवार हैं। 2013 से 2015 तक हर साल नए परिवार यहां आते हैं। ये नए परिवार इस वर्ष आवासीय परियोजना के सम्पन्न होने के बाद यहां पर आए हैं इसलिये अब वे अगले वर्ष की आवासीय परियोजना में भाग ले सकते हैं।"

चरवाहों के पशुपालन को सुविधा देने के लिए छ्युछाई गांव बस्ती चरागाह से बहुत नज़दीक स्थित है, जहां पर पैदल जाने में मात्र 10 मिनट लगते हैं। घास के मैदान में संतुलित पशुपालन को बखूबी अंजाम देने के लिए चरागाह में पारिस्थितिक संरक्षण कदम उठाया जाता है, जहां सर्दियों में पशुपालन की मनाही है। चरवाहों की बस्ती के निर्माण के दौरान उनकी राय और सुझाव भी सुने जाते हैं। गांव ने बस्तियों में एकीकृत चिकित्सीय केंद्र और स्कूल का निर्माण किया है। यह चरवाहों के बच्चों के स्कूल जाने और रोगियों के इलाज करने के लिए सुविधाजनक है। इसकी चर्चा करते हुए तिब्बती चरवाहे पालू ने कहा:

"चिकित्सा बीमा में भागीदारी के लिए साल में हर चरवाहा 30 युआन देता है, जबकि सरकार हमें 420 युआन का भत्ता देती है।"

वर्ष 2013 के अंत में तिब्बत में किसानों और चरवाहों के लिए लागू की जा रही सुरक्षित आवास परियोजना सफलतापूर्वक पूरी हुई। 23 लाख तिब्बती किसान और चरवाहे नए मकान में प्रवेश कर नया जीवन बिताने लगे। पूरे तिब्बत स्वायत्त प्रेदश में प्रति किसान और चरवाहे औसतन रिहायशी मकान के क्षेत्रफल में 20 से 30 प्रतिशत की बढ़ोत्तरी हुई है। अधिकांश लोग पालू की तरह नए सुरक्षित दो मंजिली इमारतों में रहने लगे।

तिब्बत में सुरक्षित आवास परियोजना के कार्यान्वयन के दौरान स्थानीय लोग रेत-पत्थर कारखाना, ईंटों का कारखाना, निर्माण करने वाले दल स्थापित कर रिहायशी मकानों के निर्माण में भाग लेते हैं। इससे उनकी आय में भी भारी वृद्धि हुई।

पालू ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में तिब्बत का आर्थिक विकास बेहतर हुआ है। वह अपने घरों में याकों और भेड़ों को पड़ोसी के पास भेजने और व्यापार करने लगा। हर वर्ष वह 50 से 60 हज़ार युआन की आमदनी प्राप्त करता है। पालू ने कहा कि वर्तमान में घरेलू जीवन हर वर्ष बेहतर होता जा रहा है। उसने कहा:

"अब देश में लोगों के लिए कई उदार नीतियां अपनाई जाती हैं। इसके साथ ही तिब्बत में आर्थिक विकास ने भी गति पकड़ ली है। सिर्फ़ पशुपालन करने से हम खुशहाल जीवन साकार नहीं कर पाते। इस तरह अब मैं व्यापार करने के साथ साथ पशुपालन का काम भी करता हूँ। वर्तमान में मेरे पास ईंट बनाने के दो कारखाने हैं। सर्दियों में मैं शहर जाकर मांस बेचने का सौदा भी करता हूँ।"

सुरक्षित आवास परियोजना के कार्यान्वयन से तिब्बती किसानों और चरवाहों के रहने की स्थिति में भारी सुधार आया है, उनके जीवन में नया परिवर्तन आया है। पालू की तरह अधिक से अधिक तिब्बती किसान और चरवाहे नए सुखमय जीवन का आनंद उठा रहे हैं।

© China Radio International.CRI. All Rights Reserved.
16A Shijingshan Road, Beijing, China. 100040